पांच साै वर्ष से अधिक पुराने मंदिर और कुएं पर अतिक्रमण: आचार्य धीरशांत
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- Jan 06, 2025
मुरादाबाद, 06 जनवरी (हि.स.)। भारतीय संस्कृति रक्षा समिति के संस्थापक अध्यक्ष व विहिप मन्दिर-अर्चक-पुरोहित विभाग के प्रांत प्रमुख आचार्य धीरशांत दास अर्द्धमौनी ने सोमवार को अपने आवास पर पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि पुरातात्विक महत्व के धर्मस्थलों में नागफनी थाने के नजदीक पांच साै वर्ष से भी अधिक पुराने देवनदास ठाकुर जी मंदिर एवं प्राचीन कुएं पर लोगों ने अतिक्रमण किया है। प्रशासन को शीघ्र ही इसके संरक्षण के लिए तत्पर होना चाहिए। कुछ असामाजिक तत्व लगातार अति महत्व की प्राचीन धरोहरों को नष्ट करने का कुकृत्य विगत कई दशकों से कर रहे हैं।
आचार्य धीरशांत दास अर्द्धमौनी ने बताया कि उन्होंने समिति के पदाधिकारियों के साथ रविवार को मुरादाबाद के थाना सदर कोतवाली और थाना नागफनी क्षेत्र के मोहल्ला बारादरी, मोहल्ला किसरौल, शुक्लों का कुआं, नागफनी एवं दौलत बाग का सर्वेक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान हमें पता चला कि पुरातत्व महत्व के धर्मस्थलों में नागफनी थाने के नजदीक देवन दास ठाकुर जी मंदिर एवं प्राचीन कुआं 500 साल से भी अधिक पुराना है, लेकिन कुछ लोगों ने यहां अतिक्रमण कर लिया है। आचार्य का कहना है कि देवन दास ठाकुर जी मंदिर मलूकपीठ संप्रदाय के प्राचीन संतों की इस संस्कृति और धरोहर को अतिक्रमण कर अवैध कब्जा कर लिया गया है। यहां प्राचीन कुआं है। इस मंदिर में हनुमान की मूर्ति स्थापित थी। उस मूर्ति को मंदिर प्रांगण में सुरक्षित रखा गया है। सैकड़ों साल पुराना ऐतिहासिक शिलालेख का पत्थर इस कुएं में मिट्टी डालकर कर दबा दिया गया है। इस धर्मस्थल का वर्तमान क्षेत्रफल एक एकड़ है, जो अतिक्रमण एवं उदासीनता से जर्जर हो रहा है।
आचार्य धीरशांत दास अर्द्धमौनी के अनुसार देवन दास विराजमान ठाकुर जी मंदिर की जमीन पांच सौ बीघा हो सकती है। प्रशासन को शीघ्र ही इसके संरक्षण के लिए तत्पर होना चाहिए। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा लगातार अति महत्व की धरोहरों को नष्ट करने का कुकृत्य विगत कई दशकों से चल रहा है। वर्तमान में योगी आदित्य नाथ एवं नरेंद्र मोदी की सरकार में सभी धार्मिक स्थलों एवं तीर्थों का जीर्णाेद्धार किया जा रहा है। इसी शृंखला में पुरातत्व महत्व के इस दिव्य स्थान को अतिक्रमण एवं कब्जों से छुटकारा दिलाकर, धर्मावलंबियों की श्रद्धा और भक्ति को संरक्षित करना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल