गुजरात में 9 फरवरी से आयोजित होने जा रहा है माईभक्तों का महाकुंभ
- Admin Admin
- Feb 06, 2025
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-शक्तिपीठ अंबाजी में 51 शक्तिपीठ परिक्रमा महोत्सव
-परिक्रमा महोत्सव के दौरान पालखी यात्रा सहित 8 प्रकार की यात्राएँ निकलेंगी
-लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क भोजन सहित अनेक सुविधाएं
अंबाजी, 06 फ़रवरी (हि.स.)। प्रयागराज महाकुंभ के बीच अब गुजरात में भी एक महाकुंभ आयोजित होने जा रहा है। इस महाकुंभ में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए नहीं, बल्कि एक ही जन्म में एक ही स्थान पर एक साथ 51 शक्तिपीठों की परिक्रमा के लिए आएंगे। माईभक्तों का यह महाकुंभ बनासकांठा जिले की दांता तहसील में स्थित अंबाजी शक्तिपीठ में आयोजित होगा, जो 51 शक्तिपीठों में एक है।
भारत सहित समग्र विश्व में इस समय सनातन धर्म को लेकर लोगों में जिज्ञासा लगातार बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 144 वर्ष में एक बार आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला चल रहा है। समग्र देश से करोड़ों तथा अन्य देशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ पहुँच रहे हैं एवं पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान कर रहे हैं। दूसरी ओर समग्र भारत में सिद्ध शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध गुजरात के श्री आरासुरी अंबाजी माता मंदिर में तीन दिवसीय 51 शक्तिपीठ परिक्रमा महोत्सव का 09 फरवरी से शुभारंभ होगा। 11 फरवरी तक चलने वाले इस महोत्सव में लाखों माईभक्त उमड़ेंगे। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू कराए गए इस परिक्रमा महोत्सव की परंपरा को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भली-भाँति ढंग से आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में इस वर्ष भी गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड (जीपीवायवीबी) तथा बनासकाँठा जिला प्रशासन द्वारा 51 शक्तिपीठ परिक्रमा महोत्सव के लिए सभी जरूरी तैयारियाँ की गई हैं।
प्रधानमंत्री की संकल्पना
माता पार्वती की 51 शक्तिपीठों में से एक अंबाजी शक्तिपीठ में आने वाले श्रद्धालु अंबाजी सहित सभी शक्तिपीठों के दर्शन कर सकें; इस उद्देश्य से वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंबाजी में माता पार्वती की सभी शक्तिपीठों की प्रतिकृति स्थापित करने की परिकल्पना की थी और उन्होंने इन शक्तिपीठों का भूमिपूजन किया था। यह कार्य वर्ष 2014 में पूर्ण हुआ था। वर्ष 2022 से राज्य सरकार, गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड तथा बनासकाँठा जिला प्रशासन ने साथ मिलकर राज्य स्तरीय परिक्रमा महोत्सव का शुभारंभ किया था।
इस वर्ष 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना
51 शक्तिपीठ परिक्रमा महोत्सव में हर वर्ष माईभक्तों की संख्या में लगातार वृद्धि होती रही है। गत वर्ष इस महोत्सव में लगभग 13 लाख 15 हजार श्रद्धालुओं ने 51 शक्तिपीठों की परिक्रमा की थी। ऐसे में इस वर्ष इस संख्या के 15 लाख को पार कर जाने की संभावना है।
एक ही जन्म में, एक ही स्थान पर सभी शक्तिपीठों के दर्शन
गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड के सदस्य सचिव श्री रमेशभाई मेरजा ने कहा कि अंबाजी में 51 शक्तिपीठ परिक्रमा महोत्सव प्रति वर्ष माघ सुद 12 से 14 के दौरान आयोजित होता है और तिथि के अनुसार इस वर्ष यह महोत्सव 9 से 11 फरवरी के दौरान आयोजित होगा। जीपीवायवीबी एवं बनासकाँठा जिला प्रशान द्वारा इस महोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क भोजन सहित सभी प्रकार की सुविधाएँ की गई हैं। इस महोत्सव का मूलमंत्र हैः एक ही जन्म में, एक ही स्थान पर सभी शक्तिपीठों के दर्शन करने का सुलभ्य अवसर।
51 शक्तिपीठ परिक्रमा महोत्सव 2025 के कार्यक्रम
इस वर्ष 51 शक्तिपीठ परिक्रमा महोत्सव के पहले दिन यानी 9 फरवरी को पालखी यात्रा, घंटी यात्रा तथा ध्वजा यात्रा निकलेगी। इसके अलावा विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के अग्रणियों-धर्मगुरुओं के आशीर्वचन, शक्तिपीठ परिसरों में शक्ति यज्ञ, भजन मंडलियों द्वारा भजन-सत्संग, आनंद गरबा, विभिन्न मंडलों द्वारा परिक्रमा यात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, फॉरेस्ट, पुलिस तथा स्वास्थ्य आदि विभागों द्वारा यात्रा जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे। दूसरे दिन 10 फरवरी को पालखी यात्रा, पादुका यात्रा एवं चामर यात्रा निकलेगी। इस दौरान विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के अग्रणियों-धर्मगुरुओं द्वारा आशीर्वचन, आनंद गरबा की अखंड धुन, शक्तिपीठ परिसरों में शक्ति यज्ञ, भजन मंडलियों द्वारा भजन-सत्संग, विभिन्न मंडलों एवं समाजों द्वारा परिक्रमा यात्रा, रात्रि परिक्रमा दर्शन प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। तीसरे दिन 11 फरवरी को पालखी यात्रा, मशाल यात्रा, ज्योत यात्रा तथा त्रिशूल यात्रा निकलेगी। इस दौरान विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के अग्रणियों-धर्मगुरुओं के आशीर्वचन, शक्तिपीठ परिसरों में शक्ति यज्ञ, मंत्रोत्सव, ड्रोन द्वारा पुष्पवृष्टि, भजन मंडलियों द्वारा भजन-सत्संग, विभिन्न मंडलों द्वारा परिक्रमा यात्रा, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा गब्बर के शिखर पर रात 12 बजे आरती जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे।
आरती-दर्शन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम
महोत्सव में आने वाले लगभग 15 लाख श्रद्धालुओं के लिए जीपीवायवीबी एवं जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर तैयारियाँ की हैं। महोत्सव के दौरान अंबाजी मंदिर में आरती-दर्शन का समय घोषित किया गया है, जिसके अनुसार सुबह की आरती 7.30 से 8.00 बजे, दर्शन 9.30 से 11.30 बजे होंगे। 11.30 से 12.30 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे। 12.30 से 16.30 बजे तक दर्शन जारी रहेंगे। 16.30 से 19.00 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे। संध्या आरती 19.00 से 19.30 बजे तक होगी। संध्या दर्शन 19.00 से 21.00 बजे के दौरान हो सकेंगे।
इस तीन दिवसीय महोत्सव के दौरान तीनों दिन शाम 7.00 से रात्रि 10.00 बजे के दौरान अंबाजी में खेडब्रह्मा रोड पर रबारी समाज धर्मशाला के सामने डी. के. त्रिवेदी बंगलॉज के सामने सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा तीनों दिन संध्या आरती के साथ शाम 7.00 से 7.45 बजे के दौरान गब्बर पर लाइट एंड साउंड शो आयोजित होगा।
निःशुल्क भोजन व्यवस्था
इसके साथ ही, महोत्सव में श्रद्धालुओं के लिए अंबाजी मंदिर ट्रस्ट द्वारा 7 स्थानों पर निःशुल्क भोजन व्यवस्था की गई है। इनमें अंबिका भोजनालय-अंबाजी, जीएमडीसी ग्राउंड-अंबाजी, मांगल्य वन मार्ग पर (शांति वन), नया कॉलेज-दांता रोड तथा आरटीओ चेकपोस्ट-आबू हाईवे पर यात्रियों के लिए निःशुल्क भोजन व्यवस्था की गई है। गब्बर रोड-वन चेतना केन्द्र में अधिकारियों तथा स्टाफ के लिए और गब्बर-चूंदडीवाळा माताजी के पास पुलिस स्टाफ के लिए निःशुल्क भोजन व्यवस्था रहेगी।
पार्किंग स्थल से निःशुल्क बस सेवा
बड़ी संख्या में उमड़ने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। इनमें एसटी बसों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटीओ सर्किल रोड, नए कॉलेज के सामने सिविल अस्पताल क्षेत्र, जीएमडीसी ग्राउंड तथा शांति वन में निःशुल्क अस्थायी पार्किंग प्लॉट की व्यवस्था की गई है। निजी वाहनों के लिए सर्वे नंबर 90, पुराना कॉलेज रोड (हडाद रोड), दिवाळीबा गुरु भवन, शक्ति द्वार के सामने, कैलाश टेकरी के सामने, आपेश्वर महादेव मंदिर के सामने तथा सविता गोविंद सदन के बराबर में पार्किंग व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही पार्किंग प्लॉट पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग स्थल से निःशुल्क मिनी बस की व्यवस्था की गई है, जिसमें बैठकर वे परिक्रमा महोत्सव में पहुँच सकेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय