उत्तराखंड के महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने की दिशा में बड़ा कदम
- Admin Admin
- Dec 06, 2024
- राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 37 नए असिस्टेंट प्रोफेसरों काे मिली तैनाती -राजनीति शास्त्र में 22 व भूगोल में 15 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल
देहरादून, 06 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 37 नए असिस्टेंट प्रोफेसरों को विभिन्न विषयों में नियुक्त किया गया है। इनमें से 22 असिस्टेंट प्रोफेसर राजनीति शास्त्र और 15 भूगोल विषय से हैं। इन सभी नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रदेश के पर्वतीय एवं दुर्गम क्षेत्र के राजकीय महाविद्यालयों में प्रथम नियुक्ति प्रदान की गई है।
राज्य में राजकीय महाविद्यालयों में ढ़ांचागत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ ही स्थाई शिक्षकों की कमी को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 37 असिस्टेंट प्रोफेसरों को विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों में प्रथम तैनाती दे दी गई है, जिसमें राजनीति शास्त्र से 22 व भूगोल विषय से 15 असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं। इन सभी नवनियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसरों को दुर्गम एवं अति दुर्गम क्षेत्र के महाविद्यालयों में तैनाती दी गई है, जिसमें भूगोल विषय से परितोष उप्रेती को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय देवप्रयाग, कृतिका बोरा को पीजी कॉलेज गोपेश्वर, कुट्टी रावत व प्रेमा कैड़ा को पीजी कॉलेज लम्बगांव, श्वेता पंत को राजकीय महाविद्यालय गरूड़, डॉ. सुनील सिंह तथा श्वेता को राजकीय महाविद्यालय नागनाथ पोखरी, नेपाल सिंह को पीजी कॉलेज जोशीमठ, पुष्पा झाबा को पौखाल, गजराज नेगी को मजरामहादेव, वसीम अहमद को पीजी कॉलेज जयहरीखाल, सुमिता पंवार को उत्तरकाशी, रश्मि को अगरोड़ा धारमंडल, नीमा भेतवाल को राजकीय महाविद्यालय पोखरी, पट्टी क्वीली तथा प्रिया राणा को राजकीय महाविद्यालय चौबट्टाखाल में तैनाती दी गई है।
इसी प्रकार राजनीति शास्त्र से राजिन्द्र और दीपक कुमार को पीजी कॉलेज अगस्तमुनि, डॉ. प्रेमलता त्रिपाठी को पीजी कॉलेज द्वाराहाट, प्रश्ना मिश्रा को बड़कोट, शीतल आर्या को गणाई गंगोली, अनुज कुमार को चकराता, पूनम गैरोला, प्रदीप कुमार व छत्र सिंह कठायत को नैखरी चन्द्रबदनी, धीरज सिंह खाती को बेरीनाग, अमिता को पीजी कॉलेज गैरसैंण, अवदेश बिजल्वाण को त्यूणी, डॉ. उदय भान को पीजी कॉलेज मुनस्यारी, गंगा राम को गुप्तकाशी, अरविन्द नारायण को नन्दासैंण, निधि को मोरी, धीरेश बिजल्वाण, रमेश चन्द्र और कृष्णपाल सिंह को अगरोड़ा धारमण्डल, जय प्रकाश को पौखाल, नेहा टम्टा को जखोली तथा प्रियंका को राजकीय महाविद्यालय मानिला में प्रथम तैनाती दी गई है।
नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों की तैनाती से जहां महाविद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं शैक्षणिक गतिविधियों में भी सुधार होगा। इसके साथ ही इनकी नियुक्ति से महाविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग में भी सुधार देखने को मिलेंगे। वहीं स्थाई सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति से प्रभावित गेस्ट फैकल्टी का समायोजन अन्यत्र महाविद्यालयों में किया जायेगा, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस नियुक्ति को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों के महाविद्यालयों में राजनीति शास्त्र और भूगोल विषय के 37 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति से शैक्षणिक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार होगा, जिसका लाभ स्थानीय छात्र-छात्राओं को मिलेगा। महाविद्यालयों में शत-प्रतिशत शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकताओं में है ताकि प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्तर को और अधिक सशक्त बनाया जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार