हर्षोल्लास से मनाया बांकेबिहारी का 481वाँ प्राकट्योत्सव, दिखा आस्था का अद्भुत नजारा
- Admin Admin
- Dec 06, 2024
मथुरा, 06 दिसम्बर(हि.स.)। तीर्थनगरी वृंदावन में शुक्रवार को ठा. बांकेबिहारी महाराज का प्राकट्योत्सव धूमधाम से मनाया गया। प्राकट्य स्थली निधिवन राज मंदिर में गोस्वामियों द्वारा अभिषेक किया गया। निधिवन से गाजे-बाजे के साथ बांकेबिहारी मंदिर तक बधाई शोभायात्रा निकाली गई। अपने आराध्य को 481वें प्राकट्योत्सव की बधाई देने के लिए बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों की देरसांय तक भारी भीड़ उमड़ती रही।
शुक्रवार सुबह 5.30 बजे ठा. बांकेबिहारी लाल की प्राकट्य स्थली निधिवन में सेवायत भीकचंद गोस्वामी व रोहित गोस्वामी के सानिध्य में भक्तों ने पंचामृत से अभिषेक किया। इस दौरान संपूर्ण परिसर बांकेबिहारी लाल के जयकारों से गुंजायमान हो गया। इसके बाद बांकेबिहारी महाराज के प्राकट्योत्सव पर निधिवन से बधाई शोभायात्रा निकाली गई। चांदी के रथ के आगे पंजाब के कलाकार रंगोली बनाते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा में भगवान गणेश, राधा कृष्ण की झांकी, हरिदासी संप्रदाय के रसिक संतों की सवारी के साथ चांदी के रथ में ठाकुर बांकेबिहारी महाराज को बधाई देने के लिए स्वामी हरिदासजी का चित्रपट विराजमान था। भक्तजन मेवा, फल एवं पकवान के रुप में बधाई लेकर डोले के आगे चल रहे थे। देशभर से आईं महिलाएं और युवतियां डांडिया एवं भाव नृत्य करतीं चल रहीं थीं। शोभायात्रा में सबसे आगे श्रद्धालु सोहनी सेवा करते हुए चल रहे थे। दोपहर करीब 1.30 बजे शोभायात्रा के बांके बिहारी मंदिर पहुंचने पर सेवायतों द्वारा शोभायात्रा का आरती उतार स्वागत किया। इसके बाद ठा. बांके बिहारी महाराज का भोग लगाकर राजभोग आरती की गई। आराध्य को पीले रंग की पोशाक व मंदिर को रंग बिरंगे गुब्बारें और फूलों से सजाया गया। यहां गोस्वामियों ने केलिमाल के पद.. माई री सजह जोरी प्रगट भई, जू रंग कि गौर स्याम घन दामिनि जैसे। प्रथम हूं हुती, अब हूं आगे हूं रहिहै, न टरिहै तैसैं।। अंग-अंग की उजराई-सुघराई-चतुराई-सुंदरता ऐसे। श्रीहरिदास के स्वामी स्यामा-कुंजबिहारी, सम वैस वैसै... गायन किया।
हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार