पीएम गतिशक्ति के तहत एनपीजी बैठक में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया

नई दिल्ली, 01 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री गति शक्ति के तहत नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की शनिवार को यहां आयोजित 88वीं बैठक में सड़क, रेलवे, सूचना प्रौद्योगिकी और मेट्रो क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव ई. श्रीनिवास की अध्यक्षता में आयोजित 88वीं बैठक में एनपीजी ने सड़क, रेलवे, सूचना प्रौद्योगिकी और मेट्रो परियोजनाओं का मूल्यांकन किया। बैठक में पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस एनएमपी) के अनुरूप मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

मंत्रालय के मुताबिक नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) ने एकीकृत मल्टीमॉडल बुनियादी ढांचे, आर्थिक और सामाजिक नोड्स के लिए अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी और इंटरमॉडल कोऑर्डिनेशन के पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों पर ग्यारह परियोजनाओं (7- सड़क, 2- रेलवे, 1- सूचना प्रौद्योगिकी और 1- मेट्रो) का मूल्यांकन किया है। इन पहलों से लॉजिस्टिक दक्षता को प्रोत्साहन मिलने, यात्रा के समय को कम करने और सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन और अनुमानित प्रभाव नीचे विस्तार से दिए गए हैं:-

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के तहत किशनगंज-बहादुरगंज तक 4 लेन राष्ट्रीय राजमार्ग-

किशनगंज-बहादुरगंज सड़क परियोजना से 4-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग किशनगंज, बिहार में 23.649 किलोमीटर की संरेखित लंबाई के साथ एक ग्रीनफील्ड निर्माण है। यह सड़क एनएच-27 और एनएच-327ई को जोड़ेगी, जिससे क्षेत्रीय गतिशीलता बढ़ेगी, भीड़भाड़ कम होगी और बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच व्यापार कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इस परियोजना में वाहनों की सुचारू आवाजाही और बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के लिए फ्लाईओवर, प्रमुख पुल, सर्विस रोड और अंडरपास शामिल हैं।

संगारेड्डी जिले में गिरमापुर गांव (एनएच-65 पर) से चौतुप्पल (एनएच-65 पर) तक ग्रीनफील्ड क्षेत्रीय एक्सप्रेसवे

हैदराबाद क्षेत्रीय रिंग रोड एक्सप्रेसवे का उत्तरी भाग भारतमाला परियोजना के अंतर्गत एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना है। इसका लक्ष्य 158.64 किलोमीटर लंबा 4-लेन एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे तैयार करना है, जो संगारेड्डी जिले के गिरमापुर गांव (एनएच-65 पर) को यदाद्रि भुवनगिरि जिले के चौतुप्पल (एनएच-65 पर) से जोड़ता है, जो तेलंगाना में संगारेड्डी, मेडक, सिद्दीपेट और यदाद्रि भुवनगिरि जिलों से होकर गुजरता है। इसे ग्रेड सेपरेटर, इंटरचेंज के साथ एक हाई-स्पीड कॉरिडोर प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। इसके अतिरिक्त, यह एसईजेड, मेगा फूड पार्क, फार्मा हब और टेक्सटाइल क्लस्टर सहित प्रमुख आर्थिक नोड्स के साथ बेहतर जुड़ाव की सुविधा प्रदान करेगा।

4 लेन से प्रवेश वाला नियंत्रित सरहिंद - सेहना खंड

इस परियोजना में पंजाब में मोहाली-बरनाला इंटर कॉरिडोर रूट के हिस्से के रूप में एनएच-205एजी के चार-लेन से प्रवेश वाले-नियंत्रित सरहिंद-सेहना खंड का निर्माण शामिल है। परियोजना की संरेखित लंबाई 106.92 किलोमीटर है। यह परियोजना भारतमाला परियोजना चरण- I का एक प्रमुख घटक है, जो भीड़भाड़ वाले शहरी सड़कों के लिए एक विकल्प प्रदान करती है और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और अमृतसर-जामनगर आर्थिक गलियारे जैसे महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे को जोड़ती है।

विशाखापट्टनम पोर्ट रोड (सब्बावरम से शीलानगर जंक्शन) तक छह लेन कनेक्टिविटी

प्रस्तावित परियोजना में भारतमाला परियोजना के तहत सब्बावरम से आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में शीलानगर जंक्शन तक छह-लेन कनेक्टिविटी सड़क का विकास शामिल है। 12.66 किलोमीटर की लंबाई वाली यह परियोजना, बंदरगाह से जुड़े यातायात के लिए एक समर्पित गलियारा प्रदान करके एनएच-16 पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए तैयार की गई है, जिससे विशाखापट्टनम शहर में स्थानीय यात्रियों के साथ हस्तक्षेप कम होगा। ग्रीनफील्ड कॉरिडोर (97 फीसदी) कुशल कार्गो निकासी सुनिश्चित करेगा और विशाखापट्टनम बंदरगाह के लिए समग्र लॉजिस्टिक संचालन में सुधार करेगा।

जयपुर उत्तरी रिंग रोड

प्रस्तावित ग्रीनफील्ड परियोजना

जयपुर के शहरी केंद्र के बाहर संरेखित है, जो अजमेर रोड, आगरा रोड और जयपुर बांदीकुई स्पर सहित प्रमुख गलियारों को जोड़ती है। यह रिंग रोड एनएच-48 और एनएच-52 से भारी वाणिज्यिक यातायात को मोड़कर शहर के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में यातायात की भीड़ को कम करेगा। इसके अतिरिक्त, निर्माण में प्रमुख और छोटे पुल, टोल प्लाजा और सर्विस रोड शामिल हैं, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होती है।

लिंबडी से ध्रांगध्रा तक पक्की सड़क के साथ दो लेन में अद्यतन

प्रस्तावित परियोजना में गुजरात में एनएच-51 के लिंबडी-ध्रांगधरा खंड को पक्के कंधों वाले दो-लेन राजमार्ग में अद्यतन करना शामिल है। ग्रीनफील्ड बाईपास और पुनर्संरेखण के साथ यह ब्राउनफील्ड परियोजना सुरेंद्रनगर जिले में 62.822 किलोमीटर तक फैली हुई है और इसका उद्देश्य सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर करना है। यह गलियारा प्रमुख राजमार्गों, अर्थात् अहमदाबाद-वीरमगाम-मालिया (एसएच-7) और अहमदाबाद-राजकोट (एनएच-47) को जोड़ता है।

दोनों छोर पर 3 स्तरीय इंटरचेंज सहित 6 लेन जीरकपुर बाईपास

प्रस्तावित जीरकपुर बाईपास एक 6-लेन राजमार्ग परियोजना है जो एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) और एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) को जोड़ेगी, जो पंजाब और हरियाणा में 19.2 किलोमीटर तक फैली हुई है। इस परियोजना का उद्देश्य जीरकपुर, पंचकुला और आसपास के क्षेत्रों में भारी भीड़ को कम करना है। बाईपास के दोनों छोर पर तीन-स्तरीय इंटरचेंज, कई पुलिया, वाहन ओवरपास और अंडरपास शामिल होंगे, जो सुचारू यातायात प्रवाह सुनिश्चित करेंगे।

रेल मंत्रालय (एमओआर) के तहत भागलपुर से जमालपुर तक नई ब्रॉड गेज लाइन-

भागलपुर से जमालपुर तक नई ब्रॉड गेज (बीजी) लाइन (52.810 किलोमीटर) एक ब्राउनफील्ड परियोजना है। इस परियोजना का लक्ष्य बिहार के भागलपुर और मुंगेर जिलों में रेलवे क्षमता और कनेक्टिविटी बेहतर करना है। यह परियोजना भागलपुर, सुल्तानगंज और जमालपुर को जोड़ेगी, जिससे मौजूदा रेलवे लाइनों पर भीड़ कम करते हुए कुशलता से माल और यात्री आवाजाही की सुविधा मिलेगी।

औरंगाबाद-परभणी स्टेशनों के बीच लाइन का दोहरीकरण

औरंगाबाद-परभणी रेलवे लाइन (177.29 किलोमीटर) का प्रस्तावित दोहरीकरण एक ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजना है। इस परियोजना का लक्ष्य विजयवाड़ा-बल्हारशाह (एचडीएन) और सिकंदराबाद-मुंबई कॉरिडोर पर भीड़ कम करना है, जिससे माल ढुलाई और यात्री आवाजाही के लिए एक बेहतर विकल्प दिया जा सके। यह लाइन महाराष्ट्र में औरंगाबाद, जालना और परभणी जिलों से होकर गुजरती है, जिससे क्षेत्र में उद्योगों, पर्यटन और व्यापार को लाभ होता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क चरण – II

राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) चरण- II भारत सरकार की एक उन्नत हाई-स्पीड नेटवर्क पहल है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय अनुसंधान, शिक्षा और ई-गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर की रीढ़ को सुदृढ़ करना है। नेटवर्क अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों और सरकारी विभागों के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करता है, जिससे डेटा संसाधनों और डिजिटल प्लेटफॉर्मों तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित होती है।

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) के तहत मेट्रो परियोजना

जीआईएफटी सिटी से जीआईएफटी

जीआईएफटी सिटी मेट्रो कॉरिडोर, जिसकी लंबाई 7.585 किलोमीटर है और इसे दो चरणों में लागू किया जाएगा, को गुजरात में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (जीआईएफटी) के लिए शहरी गतिशीलता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। इससे यात्रा के समय में कमी, ईंधन की कम खपत और वाहन उत्सर्जन और दुर्घटनाओं में पर्याप्त गिरावट जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ मिलेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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