लखनऊ के प्राचीन मंदिरों और गोमती नदी घाटों के विकास के लिए 9 करोड़ रुपए अनुमोदित
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- Aug 04, 2025
लखनऊ, 04 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने राजधानी लखनऊ में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत शहर के प्राचीन मंदिरों और गोमती नदी के घाटों के आसपास पर्यटन विकास कार्य किए जाएंगे। जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। पर्यटन विकास की 10 योजनाओं के लिए 09 करोड़ रुपए की धनराशि अनुमोदित की गई है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
जयवीर सिंह ने बताया कि राजधानी लखनऊ में धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के समग्र विकास हेतु कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं। इनमें काकोरी स्थित शीतला माता मंदिर, चौक स्थित कोनेश्वर महादेव मंदिर, करहेटा अम्बेडकर नगर वार्ड स्थित प्राचीन शिव मंदिर, ग्रामसभा अमलौली में मां कालिका देवी मंदिर, सुखमदत्तनगर के अठनारू ग्राम स्थित श्री प्राचीन हनुमान मंदिर के पर्यटन विकास, श्री महादेव जलसाई नाथ जी प्राचीन मंदिर के लिए 1-1 करोड़ रुपए, श्री ज्वाला मां मंदिर बरिगवां के लिए 50 लाख रुपए, संझिया घाट गोमती नदी तट के पर्यटन विकास के लिए एवं श्री रामजानकी मंदिर के लिए 01 करोड़ रुपए और घटघटा बाबा देवस्थान ग्राम सालेहनगर के लिए 50 लाख रुपए धनराशि अनुमोदित की गई है।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार पर्यटन को आर्थिक विकास का सशक्त माध्यम मानते हुए निरंतर इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि लखनऊ की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को संरक्षित कर उन्हें वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है, जो राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक सिद्ध होगा। महाकुम्भ 2025 जैसे आयोजन ने प्रदेश की धार्मिक विरासत को दुनिया के समक्ष मजबूती से रखा है, जिसे विभाग आगे ले जाने के लिए प्रयासरत है।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन



