हनुमत जयंती पर श्री संकट मोचन दरबार में बहेगी गायन-वादन, नृत्य की त्रिवेणी
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- Apr 10, 2025

—11 पद्म अवार्डी, 16 प्रथम प्रवेशी कलासाधक करेंगे शिरकत,सार्वभौम रामायण सम्मेलन भी हाेगा
वाराणसी,10 अप्रैल (हि.स.)। श्री संकट मोचन मंदिर परिसर में 10 दिवसीय हनुमत जयंती (हनुमज्जयंती) की शुरुआत चैत्र शुक्ल पूर्णिमा 12 अप्रैल शुक्रवार से होगी। 102वें वर्ष में जयंती की शुरुआत श्री संकट मोचन हनुमान जी महाराज के विशेष शृंगार, झांकी, आरती, पूजन से होगी। इस दौरान प्रात:कालीन सत्र में शहनाई वादन, ब्राह्मणों द्वारा मंदिर परिसर में रुद्राभिषेक, श्री रामचरित मानस का एकाह्न पाठ, श्री सीताराम संकीर्तन, रामार्चा पूजन, श्री वाल्मिकी रामायण का सुंदरकांड का पाठ, सायं 5 बजे रामकृष्ण मिशन के कीर्तन मंडलियों का संकीर्तन का आयोजन होगा। रात्रिपर्यन्त नगर के विभिन्न रामायण मंडलियों की ओर से श्री रामचरित मानस का अखंड पाठ भी होगा। मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने गुरुवार को अपने आवास पर हनुमज्जयंती महोत्सव की विस्तार से जानकारी पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि 13 से 15 अप्रैल तक सार्वभौम रामायण सम्मेलन भी होगा, जिसमें पंं. उमाशंकर शर्मा (बरेली), पं. किशन उपाध्याय (किशनगंज), डाॅ. चंद्रकांत चतुर्वेदी एवं प्रो. नलिन श्याम कामिल भाग लेंगे।
—श्री संकट मोचन दरबार में बहेगी गायन-वादन, नृत्य की त्रिवेणी
श्री संकट मोचन दरबार में 16 से 21 अप्रैल तक आयोजित छह दिवसीय रात्रिव्यापी संकट मोचन संगीत समारोह में देश के दिग्गज कलाकारों के साथ 11 पद्म अवार्डी भी भाग लेंगे। सम्पूर्ण रूप से शास्त्रीय संगीत पर आधारित इस कार्यक्रम में 16 प्रथम प्रवेशी कलाकार शिरकत करेंगे। संकट मोचन दरबार में आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना का आभास होगा। संगीत समारोह में पहले दिन 16 अप्रैल को पंं. हरिप्रसाद चौरसिया (बांसुरी), जननी मुरली (भरत नाट्यम), पंं. राहुल शर्मा (संतूर), डा. येल्ला वेंकटेश्वर राव (मृदंगम), पं. प्रवीण गोडखिंडी (बांसुरी), पं. अजय पोहनकर (गायन), पं. विकास महाराज, विभाष महाराज (सरोद-सितार), रोहित पवार की कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी। इसी क्रम में 17 अप्रैल- लावण्या शंकर (भरतनाट्यम), डा. राजेश शाह सितार, पं. अजय चक्रवर्ती (गायन), विवेक पांड्या (तबला सोलो), पं. पूर्वायन चटर्जी (सितार), सोहिनी राय चौधरी (गायन), मंजूनाथ माधवप्पा नागराज माधवप्पा (वायलिन), पं. नीरज पारिख का गायन होगा। इसी क्रम में 18 अप्रैल को यू राजेश (मैंडोलिन) पं. शिवमणि (जूम), सौरव-गौरव मिश्रा (कथक), ओंकार हवलदार (गायन) पं. विश्वमोहन भट्ट, सलील भट्ट (मोहन वीणा-सात्विक वीणा), दीपिका वरदराजन (गायन), पं. राजेंद्र सेजवार (गायन), पं. अभय रुस्तम सोपोरी (संतूर), पं. हरीश तिवारी का गायन होगा।
19 अप्रैल को वी. अनुराधा सिंह का (कथक), पं. साहित्य कुमार नाहर -पं. सोतष नाहर (सितार-वायलिन) उस्ताद वसिफउद्दीन डागर (ध्रुपद), पं. जयदीप घोष (सरोद), पं.रामशंकर सुश्री स्नेहा शंकर (गायन), श्री प्रभाकर -दिवाकर कश्यप (गायन), विदुषी कंकना बनर्जी (गायन)होगा ।
20 अप्रैल को नयनिका घोष (कथक), श्री अभिषेक लाहिड़ी (सरोद), श्री अरमान खां (गायन), पं. तरुण भट्टाचार्य (संतूर), पं. जयतीर्थ मेउन्डी (गायन), श्रीमती शाहना बनर्जी (सितार), पं. संजू सहाय (तबला सोलो) अपनी प्रस्तुति देंगे।
अन्तिम दिन 21 अप्रैल को पं. रतिकांत महापात्र (ओडिसी), पं. उल्हास कसालकर (गायन), उस्ताद मेहताब अली नियाजी (सितार), पं. अनूप जलोटा (गायन), पं. सुरेश गंधर्व (गायन), पं. रोनू मजूमदार- ऋषिकेश मजूमदार (बांसुरी), (पं. साजन मिश्र- स्वरांश मिश्र गायन से दरबार में हाजिरी लगाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी