राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने की असम के राज्यपाल से मुलाकात

गुवाहाटी, 03 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी) के 17 अधिकारियों वाले एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राजभवन में असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात की। एनडीसी में राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक अध्ययन पर एक साल तक चलने वाले पाठ्यक्रम का हिस्सा रहे इस प्रतिनिधिमंडल में भारतीय सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ-साथ उज्बेकिस्तान, रवांडा, नामीबिया, मलावी और इजराइल जैसे मित्र देशों के प्रतिनिधि भी शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राज्यपाल ने 'वसुधैव कुटुंबकम' के प्राचीन दर्शन के प्रति भारत की स्थायी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जिसका अर्थ है पूरा विश्व एक परिवार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत 'एकता और विविधता' के प्रतीक के रूप में लगातार वैश्विक सद्भाव और सहयोग को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण पर विचार करते हुए राज्यपाल ने कहा कि भारत विकास के पथ पर दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ रहा है। उन्होंने रेखांकित किया कि राष्ट्र का विकास पथ शिक्षा, संस्कृति, इतिहास और सभ्यतागत मूल्यों की समृद्ध विरासत में गहराई से निहित है, जो इसके लोगों को प्रेरित और मार्गदर्शन करना जारी रखता है।

राज्यपाल ने राष्ट्र की सुरक्षा को आकार देने और समाज की भलाई के साथ-साथ अन्य देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों में महत्वपूर्ण योगदान देने में सशस्त्र बलों की अनुकरणीय भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल न केवल राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आपदा राहत और सामुदायिक विकास जैसे क्षेत्रों में अपनी सेवाओं का विस्तार करते हुए मानवीय प्रयासों में भी सक्रिय रूप से शामिल होते हैं।

उल्लेखनीय है कि यह यात्रा अंडरस्टैंडिंग इंडिया स्टडी टूर (यूआईएसटी) का एक हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों को भारत की बहुमुखी विकास यात्रा की गहन समझ प्रदान करना था। यह दौरा ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कानून और व्यवस्था, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, ऊर्जा क्षेत्र आदि से संबंधित विभिन्न सरकारी पहलों और कार्यक्रमों पर केंद्रित है।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय

   

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