मुंडन मेले में उमड़ा आस्था का सैलाब, खुली इंतजाम की पोल

विंध्य कारिडोर में भक्तों की भीड़।

-सात लाख भक्तों ने लगाए जयकारे, मंदिर पहुंचने के लिए घंटों जाम में फंसे रहे श्रद्धालु

मीरजापुर, 14 अप्रैल (हि.स.)। वैशाख कृष्ण प्रतिपदा सोमवार को मां विन्ध्यवासिनी के दरबार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मुंडन के शुभ मुहूर्त पर सात लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। भीड़ की यह बाढ़ इतनी अप्रत्याशित थी कि विंध्य क्षेत्र का चप्पा-चप्पा भर गया। मंदिर कॉरिडोर से लेकर घाटों और गलियों तक सिर्फ भक्त ही भक्त नजर आए।

रविवार शाम से ही ट्रेन, बस और निजी वाहनों से श्रद्धालुओं की आमद शुरू हो गई थी। मंदिर क्षेत्र के सभी होटल, धर्मशालाएं और पुरोहितों के भवन श्रद्धालुओं से खचाखच भर गए। मंगला आरती के बाद जब कपाट खुले तो मां के जयकारों से सारा धाम गूंज उठा। सुबह से देर शाम तक मुंडन और दर्शन-पूजन का क्रम चलता रहा। मंदिर कॉरिडोर की छत पर बनाए गए मुंडन स्थल पर पैर रखने तक की जगह नहीं बची। हर कोई अपने बच्चों का मुंडन कराकर मां का आशीर्वाद लेने को आतुर दिखा।

जलते फर्श पर श्रद्धालु, प्रशासन नदारद

भीषण गर्मी में नंगे पांव श्रद्धालु कतारों में खड़े रहे। नई वीआईपी रोड, कोतवाली मार्ग और पक्का घाट जैसे जगहों पर तपती फर्श पर खड़े होकर भक्तों ने दर्शन की उम्मीद में इंतजार किया। छोटे-छोटे बच्चों को कंधे पर उठाए लोग फर्श की जलन सहते रहे लेकिन प्रशासन की तरफ से किसी तरह की मदद नहीं मिली। श्रद्धालुओं का कहना था कि नवरात्र के नौ दिन व्यवस्था में जो तत्परता दिखती है, वह शेष समय गायब हो जाती है। सोमवार को भीड़ से निपटने के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं था। कॉरिडोर परिसर में लोग जहां जगह मिली, वहीं बैठकर मुंडन कराते नजर आए। मंदिर तक पहुंचने के रास्ते को लेकर भी भ्रम बना रहा, जिससे अफरा-तफरी का माहौल रहा।

चार पहिया वाहनों ने बढ़ाई मुसीबत, सड़कों पर घंटों जाम

वाहनों की भारी आमद से अटल चौराहा, पटेंगरा नाला, रोडवेज बस स्टैंड, रेहड़ा चुंगी और बरतर तिराहा जैसे स्थानों पर घंटों जाम लगा रहा। थानाध्यक्ष अमित कुमार ने फोर्स के साथ मोर्चा संभाला लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ सकी। वाहन स्टैंड फुल थे और होटल-ढाबों में भोजन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

   

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