विधानसभा अध्यक्ष देवनानी के सम्मान में टोक्यो में हुआ स्नेह मिलन

जयपुर, 17 नवंबर (हि.स.)। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी रविवार को जापान पहुंचे। देवनानी ने जापान के टोक्यो में दिन की शुरुआत मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना करके की। इस्कॉन मंदिर में आयोजित प्रातः कालीन भजन कार्यक्रम हरे रामा हरे कृष्णा में देवनानी शामिल हुए। देवनानी ने मंदिर में मौजूद प्रवासी भारतीयों से सनातन परंपरा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा आवश्यक है। साथ ही संस्कारवान होना भी जरूरी है ताकि हम इंसान बन सके और दुनियाभर में इंसानियत के व्यवहार का प्रसार कर सके।

देवनानी के सम्मान में टोक्यो में हिंदू स्वयं सेवक संघ ने स्नेह मिलन का आयोजन किया। देवनानी ने युवाओं का आव्हान किया कि भविष्य की चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को भारत की सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप मानवता, सहिष्णुता, धैर्य जैसे गुणों के साथ भारतीय संस्कारों का जीवन में समावेश करना होगा। देवनानी ने कहा कि राष्ट्र सर्वोपरि है। समग्र चेतना का जागरण आज की आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति को कोई समाप्त नहीं कर सकता है। युवाओं को भारतीय संस्कृति और संस्कारों से जुड़े रहने के लिए सतत प्रयास करने होंगे। हमारे आदर्श, हमारे महापुरुष और हमारी महान संस्कृति हमें सुदृढ़ बनाती है। मानवीय मूल्यों के आचरण से व्यक्ति का कद ऊंचा होता है।

देवनानी ऑस्ट्रेलिया में आयोजित राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के 67वें सम्मेलन में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं। देवनानी ऑस्ट्रेलिया में सम्मेलन में भाग लेने के बाद राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ के पोस्ट कॉन्फ्रेस स्टडी ट्यूर के तहत इण्डोनेशिया, सिंगापुर के बाद जापान की यात्रा पर है। इस अध्ययन यात्रा के दौरान देवनानी इन देशों में भारत के राजदूतों से मुलाकात करने के साथ विधायी निकार्यों का अवलोकन भी कर रहे हैं। संसदीय प्रतिनिधियों से लोकतांत्रिक मूल्यों के सुदृढीकरण से संबंधित विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श कर रहे हैं । देवनानी राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की भारत क्षेत्र की कार्यकारी समिति के सदस्य भी है।

देवनानी विभिन्न देशों के विधान मण्डलों के प्रतिनिधि मण्डलों को राजस्थान विधान सभा में किये गए नवाचारों की जानकारी दे रहे हैं। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष देवनानी इस विदेश यात्रा के दौरान ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर और जापान में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियो, शिक्षाविदों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और सिंधी समाज के प्रबुद्धजन से भी मुलाकात कर रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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