सप्त शक्ति कमान द्वारा थार मरुस्थल में युद्ध-तत्परता का सशक्त प्रदर्शन : आर्मी कमांडर भी पहुंचे

बीकानेर, 15 नवंबर (हि.स.)। सप्त शक्ति कमान की रणबांकुरा डिवीजन ने थार मरुस्थल स्थित महाजन फ़ील्ड फ़ायरिंग रेंज में एक व्यापक युद्ध अभ्यास को संपन्न किया, जिसका उद्देश्य अपनी युद्ध तत्परता और परिचालन दक्षता का मूल्यांकन करना था।

जन संपर्क अधिकारी (रक्षा) ले कर्नल निखिल धवन के अनुसार सप्त शक्ति कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने युद्ध अभ्यास की कार्रवाई की समीक्षा की, जिसका उद्देश्य सामरिक प्रक्रियाओं को निखारना, इण्टर आर्म्स समन्वय को बढ़ाना और चुनौतीपूर्ण वातावरण और भू-भाग की स्थितियों के तहत सभी संस्थाओं और टुकड़ियों के एकीकरण का परीक्षण करना था।

अभ्यास में सैनिकों की सहनशक्ति, अनुशासन और उच्च-तीव्रता वाले वास्तविक युद्धक्षेत्र के माहौल में प्रदर्शन की क्षमता का परीक्षण किया गया और यह अभ्यास ये सुनिश्चित करने पर केंद्रित था कि इंफ़ैंट्री, मैकेनाइज्ड फोर्सेज, एयर डिफेन्स, आर्टिलरी फायर सपोर्ट, इंजीनियर्स और लॉजिस्टिक्स सहित संयुक्त सैन्य अभियानों को सटीकता और चुस्ती के साथ संचालित किया जा सके । साथ ही कमान और नियंत्रण प्रक्रियाओं, इंटेलिजेंस समन्वय तथा युद्धक तैयारी बढ़ाने के लिए अश्नि प्लाटून (ड्रोन्स) के प्रभावी उपयोग का भी अभ्यास किया गया। इस अभ्यास में भाग लेने वाले सैनिकों ने संचालन योजनाओं, लॉजिस्टिक क्षमता और संचार नेटवर्क को सफलतापूर्वक परखा, जिससे डिवीजन की उच्च स्तरीय तैयारी और बदलते खतरों का सामना करने की क्षमता का स्पष्ट प्रदर्शन हुआ।

युद्ध अभ्यास में डिसिशन मेकिंग, अनुकूलन क्षमता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमताओं के संदर्भ में हर स्तर की कमान का परीक्षण किया। फार्मेशन ने जटिल संचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए तेज, समन्वित और सुव्यवस्थित गतियों को निष्पादित करने में उत्कृष्ट पेशेवरिता और टीम वर्क का प्रदर्शन किया।

आर्मी कमांडर ने भाग लेने वाले सैनिकों को उनके पेशेवर व्यवहार, इनोवेशन और मिशन-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए सराहा। उन्होंने कहा कि सैनकों का प्रदर्शन भारतीय सेना की प्रतिबद्धता, साहस और उत्कृष्टता की भावना को दर्शाता है, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों। साथ ही उन्होंने भैरव बटालियन के साथ भी संवाद किया और उनके उच्च स्तरीय प्रशिक्षण और ऑपरेशनल रेडीनेस की सराहना की। अश्नि प्लाटून के समावेश से रणनीतियों के सफल क्रियान्वयन और सत्यापन ने इस गठन की दृढ़ता और राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के संकल्प को प्रमाणित किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

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