एमसीडी में एल्डरमैन के मनोनयन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आमआदमी पार्टी सम्मान पूर्वक असहमत : संजय सिंह

नई दिल्ली, 05 अगस्त (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली नगर निगम में एल्डरमैन मनोनीत करने का एकाधिकार एलजी को देने के फैसले पर आम आदमी पार्टी ने सम्मान पूर्वक असहमति जताई है। सोमवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को बाइपास करके सारे अधिकार एलजी को दिए जा रहे हैं, ताकि वो अपने डंडे से दिल्ली को चलाएं। उन्हाेंने कहा कि इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जजों की टिप्पणी आज के फ़ैसले के विपरीत थी। देश के अन्य राज्यों में भी राज्यपाल एल्डरमैन का मनोनयन करते हैं, लेकिन वो चुनी हुई सरकार की अनुशंसा पर ही करते हैं। दिल्ली में भी एक चुनी हुई सरकार है, तो फिर दिल्ली में ऐसा क्यों नहीं है?

संजय सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड की संपत्ति से जुड़े कानून पर कहा कि पहले हमें देखना होगा कि केंद्र की भाजपा सरकार इस कानून में क्या-क्या चीजें लाने जा रही है।

क्रीमीलेयर पर संजय सिंह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 के तहत दलितों और आदिवासियों को आरक्षण का अधिकार दिया गया है। अनुच्छेद 341 में आरक्षण का आधार शुद्ध रूप से जातीय भेदभाव है, न कि आर्थिक। इसमें क्रीमीलेयर का सवाल कहां से उठता है। ऐसे तो भाजपा या किसी अन्य पार्टी का सांसद अगर एक बार एससी के आरक्षित सीट से सांसद बन जाए तो वो क्रीमीलेयर हो जाएगा, इसके बाद वो दोबारा उस सीट से चुनाव नहीं लड़ सकता है। भाजपा इस तरह संसद और विधानसभाओं से दलितों और आदिवासियों के नेतृत्व को खत्म करना चाहती है। एक बार में किसी नेता का नेतृत्व उभर कर नहीं आता है। लेकिन इस परिभाषा के हिसाब से वो क्रीमीलेयर में चले जाएंगे और फिर दोबारा उस सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी / रामानुज

   

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