एसीएस डा. सुमिता मिश्रा ने की गुरुग्राम से जुड़ी विकास परियोजनाओं की समीक्षा

अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त राजस्व डा. सुमिता मिश्रा ने विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिए भविष्य की जरुरतों पर भी ध्यान देने के निर्देश अतिरिक्त मुख्य सचिव ने गुरुग्राम जिला की बड़ी परियोजनाओं की विभागवार कार्यों की प्रगति का लिया नवीनतम अपडेट

चंडीगढ़,  अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त राजस्व डा. सुमिता मिश्रा ने आज गुरुग्राम में विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में जिला से संबंधित बड़ी परियोजनाओं नामत: एडमिनिस्ट्रेटिव टावर, राजस्व विभाग के आवासीय परिसर, एसडीओ (सिविल) सोहना कार्यालय एवं आवासीय परिसर, टावर ऑफ जस्टिस, न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासीय परिसर तथा आरआरटीएस आदि परियोजनाओं को लेकर संबंधित अधिकारियों से व्यापक विचार विमर्श करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने अतिरिक्त मुख्य सचिव का गुरुग्राम आगमन पर स्वागत किया और विभिन्न परियोजनाओं से जुड़ी प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डा. सुमिता मिश्रा ने लघु सचिवालय परिसर में बनने वाले एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक-दो के लिए प्रस्तावित स्थल के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने भविष्य में बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं के अनुरूप सुविधाओं व पर्यावरण संरक्षण से जुड़े आवश्यक कार्यों को इस परियोजना में शामिल करने के बारे में निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व विभाग के नए बनने वाले आवासीय परिसर से जुड़ी आवश्यक प्रक्रिया से बारे में जानकारी ली।

सोहना में अगले साल होगा एसडीएम कार्यालय और आवासीय परिसर का निर्माण पूरा

 अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सोहना में बनने वाले एसडीओ (सिविल) कार्यालय व आवासीय परिसरों के निर्माण की प्रगति के बारे में भी आवश्यक जानकारी ली। पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सईएन चरणदीप सिंह राणा ने पीपीटी के माध्यम से अतिरिक्त मुख्य सचिव को अवगत कराते हुए बताया कि इस परिसरों का काम शुरू हो चुका है, 1772.66 लाख रुपए की लागत से बनने वाले कार्यालय परिसर का निर्माण 24 अक्टूबर 2026 तक तथा अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए 356.25 लाख रुपए की लागत से बनने वाले आवासीय परिसरों का निर्माण पहली मई 2026 तक प्रस्तावित है।

टावर ऑफ जस्टिस का जल्द से जल्द पूरा किया जाए निर्माण अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त ने लघु सचिवालय परिसर से समीप बन रहे टॉवर ऑफ जस्टिस के निर्माण की प्रगति को लेकर संबंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि न्यायिक सेवा से जुड़े ढांचागत तंत्र के लिए यह एक महत्वपूर्ण परियोजना है। उन्होंने इस परियोजना के तीन प्रमुख घटकों नामत: मुख्य भवन, एस्केलेटर ब्लॉक व मल्टीलेवल बेसमेंट पार्किंग के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सबसे पहले मुख्य भवन व एस्केलेटर ब्लॉक पर फोकस किया जाए और इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इस भवन के निर्माण को लेकर जिला स्तर पर गठित समिति डीएलसी से माध्यम से इसकी प्रगति की निरंतर समीक्षा की जाए। एक्सईएन चरणदीप सिंह राणा ने बताया कि इस परियोजना का कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने टावर ऑफ जस्टिस के साथ-साथ न्यायिक सेवा के अधिकारियों के आवासीय परिसर के निर्माण से संबंधित प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने सराय काले खां से एसएनबी वाया मानेसर, धारूहेड़ा आरआरटीएस परियोजना के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने धरातल पर निर्माण कार्य शुरू होने, उसकी निर्माण अवधि, प्रस्तावित रूट पर बनने वाले स्टेशन के स्ट्रक्चर तथा परियोजना की अनुमानित लागत को लेकर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से गुरुग्राम व रेवाड़ी जिला की यातायात व्यवस्था को नए आयाम मिलने जा रहे हैं। ऐसे में परियोजना के सभी स्टेशनों पर आगुंतकों के वाहनों की पार्किंग के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पार्किंग स्पेस में ऑटो स्टैंड के लिए अलग से जगह चिन्हित की जाए। इसके अतिरिक्त स्ट्रीट वेंडर्स, हॉकर्स के लिए अलग व्यवस्था रखने के साथ साथ बुनियादी सुविधाओं के लिए भी पर्याप्त स्थान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि पार्किंग स्पेस को सोलर पैनल शेड्स से कवर किया जाए। इससे एक और जहां वाहनों को छाया मिलेगी तो वहीं दूसरी और ऊर्जा संरक्षण के प्रयासों को भी बल मिलेगा। इस अवसर पर गुरुग्राम के एसडीएम परमजीत चहल, सीटीएम रविंद्र कुमार, आरआरटीएस परियोजना से जुड़े अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता, डीआरओ नरेश जोवल, एक्सईन (इलैक्ट्रिकल) नवीन कुमार सहित संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

   

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