स्मार्ट डेवलेपमेंट और आधारभूत संरचना के लिए एआई तकनीक है महत्वपूर्ण : प्रो.टीजी सीताराम

कानपुर, 04 फरवरी (हि.स.)। डिजिटल प्रौद्योगिकी ने सतत शहरी विकास को नयी उचाईयों तक पहुंचाया है। हमने अपने ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता सत्तर प्रतिशत तक पहुंचाई है। इसी कारण युवाओं ने इस अमृत काल में भारत को विकसित बनाने के लिए नयी दिशा दी है। स्मार्ट डेवलेपमेंट और आधारभूत संरचना के लिए डाटा बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा डाटा सेंटर का निर्माण करने के लिए एआई स्किलिंग प्रोग्राम का प्रारंभ किया गया है। जो वर्तमान के साथ भविष्य के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा। यह बातें मंगलवार सीएसजेएमयू में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एआई विशेषयज्ञ प्रो.टीजी सीताराम ने कही।

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) और आईआईटी कानपुर द्वारा एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के तत्वाधान में सतत शहरी विकास के लिए नवाचारी एआई समाधान विषय पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन के कार्यक्रम का सीएसजेएमयू में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि एआई विशेषयज्ञ प्रो. टीजी सीताराम, कुलपति विनय कुमार पाठक द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों द्वारा सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट को लॉन्च किया गया।

कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि भारत में वैज्ञानिक तरीकों के साथ साथ सनातन तरीकों से सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा रहा है जो पूरा विश्व अनुसरित कर रहा है। दूसरे व तीसरे दर्जे के शहरों के विश्वविद्यालय इस सतत विकास को पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

अन्य वक्ताओं ने कहा कि हमारे दो लक्ष्य वर्ष 2047 तक विकसित भारत और 2070 तक नेट जीरो गोल ऑफ ग्रीन हाउस गैसेस हैं। जीडीपी में जीवाश्म ईंधन, अर्थव्यवस्था को विकसित करने में योगदान दे रहा है लेकिन हमें ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत की ओर जाना चाहिए क्योंकि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हमारे शहरों पर दिखाई दे रहा है। पहले इलेक्ट्रिक वाहन, सोलर सेल महंगे हुआ करते थे लेकिन आज प्रौद्योगिकी और नवाचारी एआई समाधानों से यह अधिक उपयोगी और सस्ते हो गए।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

   

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