एआईसीटीई ने ड्रोन तकनीक में 50 सीओई स्थापित करने के लिए आईजी ड्रोन्स के साथ की साझेदारी

नई दिल्ली, 17 अप्रैल (हि.स.)। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने देशभर में एआईसीटीई-अनुमोदित संस्थानों में 50 सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (सीओई) स्थापित करने के लिए आईजी ड्रोन्स के साथ गुरुवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को उन्नत ड्रोन तकनीकों में व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उन्हें उभरते तकनीक-संचालित उद्योगों में काम करने के लिए तैयार करना है।

इस मौके पर एआईसीटीई मुख्यालय में एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि इन सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना हमारे युवाओं को ड्रोन तकनीक में अत्याधुनिक कौशल से लैस करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। यह सहयोग छात्रों को कृषि, स्वास्थ्य सेवा, आपदा प्रतिक्रिया और अन्य क्षेत्रों में अभिनव समाधान विकसित करने के लिए सशक्त बनाएगा, जिससे अंततः जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके अलावा, हमारे छात्र वास्तविक समस्याओं को हल करने के लिए विभिन्न क्षमताओं वाले ड्रोन के नए वेरिएंट बनाना भी सीखेंगे। इस दौरान एआईसीटीई के उपाध्यक्ष डॉ. अभय जेरे और सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार भी मौजूद रहे।

आईजी ड्रोन्स के संस्थापक और सीईओ बोधिसत्व संघप्रिया ने कहा कि आईजी ड्रोन्स में हम पूरे भारत में छात्रों के लिए उन्नत ड्रोन शिक्षा को सुलभ बनाकर भविष्य में काम करने के लिए तैयार कार्यबल तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एआईसीटीई के साथ यह साझेदारी इस उच्च मांग वाले क्षेत्र में कौशल के अंतर को पाटने और वैश्विक रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

प्रत्येक सेंटर ऑफ एक्सिलेंस अनुभवात्मक शिक्षा के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा। इसमें रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (आरपीसी), किसान ड्रोन ऑपरेटर (केडीओ) सर्टिफिकेटशन, ड्रोन तकनीशियन प्रमाणन, ड्रोन सिस्टम के साथ एआई, आईओटी एआर व वीआर को एकीकृत करने वाले उन्नत पाठ्यक्रम, विभिन्न क्षेत्रों के लिए तैयार उद्योग-विशिष्ट मॉड्यूल जैसे कई विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम होंगे। यहां छात्र वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करेंगे।

इस पहल में भाग लेने वाले संस्थानों को अत्याधुनिक ड्रोन उपकरण, क्यूरेटेड प्रशिक्षण मॉड्यूल और आईजी ड्रोन्स से निरंतर सहायता प्राप्त होगी। इस साझेदारी से सभी 50 सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों को ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित किए जाने की उम्मीद है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

   

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