दिल्ली में एक्यूआई एक हजार के पार, क्या कर रही है सरकार: विजेंद्र गुप्ता

नई दिल्ली, 19 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली में प्रदूषण की भयावह स्थिति के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि प्रदूषण से निपटने में सरकार के सभी उपाय बेकार साबित हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली में अनेक स्थानों पर एयर क़्वालिटी इंडेक्स एक हजार से भी ऊपर हो गया है, जो इसकी भयावहता का स्पष्ट प्रमाण है। ये सब दिल्ली सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार का ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह कितने शर्म की बात है कि इस भयानक आपदा से दिल्ली की जनता को निकालने में अब सरकार भी असहाय हो चुकी है।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी ने खुद ही स्वीकार किया है कि दिल्ली सरकार द्वारा शहर में लगाई गईं एन्टी स्मॉग गन भी बेअसर हो चुकी हैं। इन एंटी स्मॉग गनों पर सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिये हैं और अब ये सभी खिलौना बनकर रह गई हैं। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। घरों के बंद कमरों में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक पांच सौ का आंकड़ा पार कर चुका है।

गुप्ता ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने कमरे का वीडियो साझा करते हुए दिखाया है कि कमरे में दरवाज़े और खिड़कियां बंद होने के बावजूद उनके कमरे में लगा एयर प्योरिफायर ऐक्यूआई पांच सौ पार दिखा रहा है। कमरों में बैठकर भी लोगों को मास्क लगाना पड़ रहा है।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार ग्रैप एक, दो, तीन और चार तो लागू कर चुकी है, लेकिन ऑड इवन जैसे विकल्प पर कुछ नहीं बोल रही है। क्योंकि सरकार जानती है कि 'ऑड इवन' का फार्मूला और 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' जैसे अभियान से प्रदूषण कम नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल के आदेश पर दुबारा भर्ती किये गए दस हजार मार्शलों को प्रदूषण कम करने वाली ड्यूटी ओर लगाया जाना था लेकिन बहाली के बावजूद वो कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। प्रदूषण के चलते स्कूल बंद करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को दखल देना पड़ रहा है। लोग बीमार हो रहे हैं। खांसी, श्वास, दम घुटने, त्वचा और आंखों में जलन जैसी बीमारियों के लिए अस्पतालों में पहुंच रहे हैं लेकिन सरकार ठोस उपाय करने की बजाय अपने असहायभाव को प्रदर्शित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि समय रहते कुछ ठोस योजनाएं बना लेती तो आज गैस चैंबर में तब्दील हो चुकी दिल्ली के लोगों को इस दमघोंटू वातावरण में सांस लेने को मजबूर नहीं होना पड़ता।

विजेंद्र गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल को अपने उस बयान की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने 2022 में पंजाब की पराली की घटनाओं को बंद करने के लिए जनता से एक साल का वक्त मांगा था और कहा था कि हम एक साल में पंजाब में पराली जलाना बंद करवा देंगे लेकिन दो साल बीतने के बावजूद आम आदमी पार्टी की सरकार इन घटनाओं को रोकने में पूरी तरह से विफल है। उन्होंने मुख्यमंत्री आतिशी के उस बयान पर भी हैरानी जताई, जिसमें आतिशी दूसरे राज्यों में पराली जलाए जाने की घटनाओं का आंकड़ा पेश कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए आतिशी दूसरों पर इसका दोष मढ़ने में लगी हुई हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने आतिशी से कहा कि ये वक्त आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति खेलने का नहीं है। इस वक्त दिल्ली की जनता को प्रदूषण से राहत दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और इसके लिए दिल्ली सरकार को जो बन सके वो करना चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

   

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