तृणमूल में संगठनात्मक बदलाव तय : अभिषेक बनर्जी बोले, योग्यताओं का पैमाना होगा चुनावी परिणाम
- Admin Admin
- Jan 02, 2025
कोलकाता, 02 जनवरी (हि. स.)। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि पार्टी में संगठनात्मक बदलाव तय है। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए काम करने वालों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनके काम का मूल्यांकन उनके प्रदर्शन और परिणामों के आधार पर किया जाएगा। गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र डायमंड हार्बर में स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम ‘सेबाश्रय’ के उद्घाटन के दौरान उन्होंने यह बात कही।
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संगठनात्मक बदलाव पर जोर
अभिषेक ने कहा कि संगठनात्मक बदलाव अवश्य होगा। जो लोग पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। पेड़ की पहचान उसके फलों से होती है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बदलाव से संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेज दिया है, और अंतिम निर्णय उन्हीं के हाथों में है। उन्होंने यह भी बताया कि बदलाव की प्रक्रिया निर्धारित समय पर पूरी होगी।
अभिषेक ने याद दिलाया कि 21 जुलाई की रैली में उन्होंने बदलाव की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि जहां-जहां पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा, वहां प्रशासनिक और संगठनात्मक स्तर पर बदलाव किया जाएगा।
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कोलकाता को फिलहाल छूट
अभिषेक ने बताया कि इस बदलाव में फिलहाल कोलकाता शामिल नहीं है। पिछले साल नवंबर में उन्होंने अपने जन्मदिन पर यह जानकारी दी थी कि लोकसभा चुनाव के परिणाम संगठनात्मक बदलाव का मुख्य आधार होंगे। हालांकि, इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लग रहा है, लेकिन यह तय है कि बदलाव होगा।
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आरजी कर अस्पताल का मुद्दा
अभिषेक ने अपने बयान में आर.जी. कर अस्पताल का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष ने ममता बनर्जी पर साजिश का आरोप लगाया था, लेकिन आज यह मुद्दा उठाना ही बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में हुए अपराधियों को पकड़ने का काम राज्य पुलिस ने किया।
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भाजपा पर हमला
अभिषेक ने केंद्र की भाजपा सरकार को मणिपुर, बांग्लादेश और प्रधानमंत्री आवास योजना सहित कई मुद्दों पर घेरा। उन्होंने सवाल किया कि बांग्लादेश की स्थिति पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री चुप क्यों हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में अस्थिरता फैलाने के लिए बांग्लादेश से आतंकवादी भेजे जा रहे हैं, जिन्हें राज्य पुलिस पकड़ रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को उसका हिस्सा नहीं दिया। उन्होंने चुनौती दी कि अगर केंद्र श्वेतपत्र जारी कर दे तो वह माफी मांगने के लिए तैयार हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर