दिल्ली चुनाव पर ममता बनर्जी और अभिषेक के बयानों में विरोधाभास
- Admin Admin
- Feb 13, 2025
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कोलकाता, 13 फरवरी ((हि.स.)
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार के कारणों को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो शीर्ष नेताओं ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बयानों में विरोधाभास सामने आए हैं। जहां ममता बनर्जी ने कांग्रेस और 'आप' के बीच तालमेल की कमी को हार की वजह बताया, वहीं अभिषेक बनर्जी ने इस तर्क से असहमति जताई। उनका कहना है कि भले ही 'आप' और कांग्रेस का गठबंधन होता, फिर भी भाजपा की जीत को पूरी तरह नहीं रोका जा सकता था।
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को अपने लोकसभा क्षेत्र डायमंड हार्बर के सातगाछिया में एक शिविर के दौरान दिल्ली चुनाव पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, अगर 'आप' और कांग्रेस गठबंधन करते, तो महज चार-पांच सीटों पर फर्क पड़ता। इससे ज्यादा कुछ नहीं। असली मुद्दा यह था कि दिल्ली की जनता बदलाव चाहती थी, और लोकतंत्र में जनता का मत ही सर्वोपरि होता है।
उल्लेखनीय है कि 27 साल बाद भाजपा ने दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। 70 सीटों में से भाजपा ने 48 सीटें जीतीं, जबकि 'आप' 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली। चुनाव परिणाम आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर कांग्रेस 'आप' के साथ गठबंधन करती, तो यह परिणाम नहीं आता। उन्होंने हरियाणा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 'आप' ने कांग्रेस के साथ जो किया, वही कांग्रेस ने दिल्ली में 'आप' के साथ किया।
अभिषेक बनर्जी ने 'आप' की हार के लिए भाजपा की प्रचार रणनीति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, भाजपा झूठे प्रचार में माहिर है। लेकिन 'आप' उनके खिलाफ प्रभावी जवाब जनता तक नहीं पहुंचा सकी। यही उसकी सबसे बड़ी गलती रही।
उन्होंने पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा, यहां भी भाजपा ने यही कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पैसा दे रही है, लेकिन टीएमसी उसे जनता तक नहीं पहुंचा रही। हमने इसका करारा जवाब दिया और कहा कि अगर केंद्र सरकार ने पैसा दिया है, तो श्वेत पत्र जारी करे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
अभिषेक ने आगे कहा कि 2023 में जब केंद्र ने बंगाल को मनरेगा योजना के तहत बकाया पैसा नहीं दिया, तब टीएमसी ने दिल्ली जाकर आंदोलन किया और 50 लाख लोगों के हस्ताक्षर जुटाए। लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने अपने कोष से 59 लाख लोगों को मनरेगा का बकाया भुगतान किया। टीएमसी का नारा था—मोदी ले रहा है, दीदी दे रही है।
दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन न होने के लिए कांग्रेस और 'आप' को दोषी ठहराने वाली ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी अकेले चुनाव लड़ेगी। अभिषेक ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा, दीदी पहले ही कह चुकी हैं कि टीएमसी अकेले लड़ेगी और दो-तिहाई बहुमत से सत्ता में वापसी करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि टीएमसी 'इंडी' गठबंधन में राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को मजबूत करने के लिए शामिल है, लेकिन अगर बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनी, तो टीएमसी बिना किसी गठबंधन के लड़ेगी। हम अकेले चुनाव लड़ते हैं और जीतते भी हैं, अभिषेक ने आत्मविश्वास के साथ कहा।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर