
जींद, 14 मई (हि.स.)। हरियाणा के विश्वविद्यालयों एवं राज्य के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय में फैली शैक्षणिक अनियमितताओं, शोधार्थियों के शोषण और प्राध्यापक नियुक्तियों में पारदर्शिता की कमी को लेकर बुधवार को इनसो ने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन नगराधीश डा. आशीष देशवाल को सौंपा।
ज्ञापन में उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु विशेष कानून बनाए जाने की मांग की गई है। इनसो ने सभी नियुक्त प्राध्यापकों के दस्तावेजों की गहन जांच की मांग करते हुए कहा कि अवैध और अपात्र नियुक्तियों को चिन्हित कर उन पर उचित कार्रवाई की जाए।
शोधार्थियों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए ज्ञापन में शोध गाइड बदलने की प्रक्रिया को सरलए पारदर्शी और समयबद्ध बनाने की मांग की गई है। वर्तमान में शोधार्थियों को इस प्रक्रिया में अनेक प्रशासनिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त यदि किसी प्राध्यापक पर जातिगत भेदभाव, पक्षपात या शोधार्थियों के शोषण के आरोप लगते हैं तो उनकी जांच खुफिया एजेंसियों द्वारा निष्पक्ष और गोपनीय ढंग से करवाई जाए तथा दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इनसो नेता अजय मलिक ने कहा कि विशेष रूप से यदि किसी गाइड पर छात्राओं द्वारा शोषण या गंभीर प्रकार के शोषण के आरोप लगाए जाते हैं। साथ ही सभी विचारधाराओं से जुड़े छात्रों को समान अवसर दिए जाएं। इनसो ने महामहिम राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वे इस गंभीर विषय पर शीघ्र संज्ञान लें और आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित शैक्षणिक संस्थानों को जारी करें ताकि सभी छात्रों को एक समान, सुरक्षित और निष्पक्ष शैक्षणिक वातावरण मिल सके। इस मौके पर राष्ट्रीय हिन्दू महासभा के प्रदेश युवा संगठन मंत्री संजय मलिक, अजय मलिक, विनोद, साहिल सहित अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा