जीपीएफ अदालत में अभिदाताओं को सौंपे समाधान प्रमाणपत्र

देहरादून, 30 अक्टूबर (हि.स.)। महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), उत्तराखंड, देहरादून के कार्यालय की ओर से सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) अदालत का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य जनकल्याण, पारदर्शिता एवं उत्तरदायी प्रशासन को प्रोत्साहित करना तथा जी.पी.एफ. से संबंधित शिकायतों का त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित करना था।

गुरुवार को कौलागढ़ स्थित ऑडिट भवन में आयोजित अदालत का राज्य के महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) परवेज़ आलम ने उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह पहल महालेखाकार कार्यालय, कर्मचारियों और प्रशासन के बीच एक साझा मंच उपलब्ध कराती है, जहां सामान्य भविष्य निधि से संबंधित विषयों का संयुक्त रूप से समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि सामान्य भविष्य निधि केवल एक वित्तीय साधन नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारियों के लिए विश्वास एवं सुरक्षा का प्रतीक है और यह अदालत उनके कठिन परिश्रम से अर्जित बचत से संबंधित मामलों के समाधान में संवेदनशीलता, सटीकता एवं दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक सक्रिय कदम है।

इस अवसर पर लगभग 300 आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डीडीओ), 200 अभिदाता और वित्त विभाग, निदेशालय कोषागार, जिला देहरादून कोषागार एवं साइबर कोषागार के अधिकारी उपस्थित रहे। शिकायतों के प्रभावी निराकरण के लिए विभिन्न सहायता काउंटर स्थापित किए गए, जहां अधिकांश समस्याओं का समाधान मौके पर ही किया गया और शेष मामलों में आवश्यक कार्यवाही तत्काल प्रारंभ की गई। इस मौके पर महालेखाकारपरवेज़ आलम औऱ वरिष्ठ उप-महालेखाकार लोकेश दताल ने संबंधित अभिदाताओं को समाधान प्रमाणपत्र साैंपे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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