सटीक जानकारी और सतर्क प्रतिक्रिया ही साइबर क्राइम से बचाव : एसीपी

कानपुर, 19 अक्टूबर (हि.स.)। सटीक जानकारी और सतर्क प्रतिक्रिया ही साइबर क्राइम को निष्फल करने का सबसे अच्छा तरीका है। इसलिए मोबाइल, कम्‍प्‍यूटर और लैपटॉप प्रयोग करने वालों को साइबर हमलों से बचाव के लिए जानकारी आवश्यक है। आज के डिजिटल युग में अपने निजी और व्यावसायिक डेटा की सुरक्षा के प्रति जागरुक होना हम सबके लिए नितांत आवश्यक है। यह बातें शनिवार को कानपुर कमिश्नरेट के साइबर क्राइम एसीपी (सहायक पुलिस आयुक्त) मो​हसिन खान ने कही।

बढ़ती हुई साइबर असुरक्षा और इससे संबंधित जरुरी जानकारी को प्रसारित करने के लिए क्राइस्ट चर्च कॉलेज के भौतिकशास्त्र विभाग में शनिवार को सर्वपल्ली राधाकृष्णन सभागार में साइबर सुरक्षा विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वैश्विक आशंकाओं के युग में भारत के डिजिटल सीमान्त का सुदृढीकरण और इसका मूल उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को साइबर खतरों से अवगत कराते हुए उनसे बचाव के उपायों की जानकारी दी गयी। इस कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र से संबंधित तीन प्रमुख विशेषज्ञ उपस्थित थे।

पुलिस कमिश्नरेट के साइबर क्राइम एसीपी मोहसिन खान ने छात्रों को साइबर खतरों की गहनता की जानकारी दी। उन्होंने कानपुर में घटित हाल के साइबर क्राइम संबंधी केस के जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि रोज के जीवन में घटने वाली साइबर क्राइम की घटनाओं के निस्तारण के लिए यह जरुरी है कि तकनीक का प्रयोग समझदारी, सावधानी और सतर्कता के साथ किया जाए। उनके द्वारा दी गई विशिष्ट जानकरियों से डिजिटल युग में सावधानीपूर्वक कार्य करने के विषय में विस्तार से बताया गया। इससे छात्रों में अपने डिजिटल पर्यावरण के प्रति जागरुकता और सचेतता का प्रसार होगा।

डिजिटल खतरों के प्रति रहें सचेत

कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर जोसेफ डेनियल ने साइबर सुरक्षा के महत्त्व पर बल देते हुए कहा कि साइबर खतरों से बचाव का सही उपाय उचित रुप से प्रसारित सामूहिक जानकारी ही है और इसी उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन आज किया गया है। उन्होंने छात्रों को उत्साहित करते हुए कहा कि अपनी साइबर जानकारी बढ़ाने और सुरक्षित डिजिटल उपयोग करने के लिए वे इस कार्यक्रम में सक्रियता से भाग लेकर संवाद करें। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ भौतिकशास्त्र विभाग के प्रभारी प्रो. सत्यप्रकाश सिंह ने दीप-प्रज्वलित करके किया।

उन्होंने आज के समय में डिजिटल खतरों के प्रति सचेत व सतर्क रहने की महती आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे खतरों से निपटने और अपनी डिजिटल संपदाओं को सुरक्षित रखने की सही जानकारी छात्रों को होना आज के समय की मांग है। इस दौरान डॉ. श्वेता चंद, डॉ. मनीष कपूर, डॉ. अनिंदिता भट्टाचार्य, डॉ. संजय सक्सेना, डॉ. नवीन अम्ब, डॉ. सुजाता चतुर्वेदी, डॉ. आर. के. जुनेजा आदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह

   

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