हिसार: सक्रिय ध्यान मानसिक शांति व आत्म-जागरुकता की कला : आचार्या मां उषा

हिसार, 15 सितंबर (हि.स.)। ओशो सिद्धार्थ फाउंडेशन के तत्वाधान में ओशोधारा मैत्री संघ के कौशिक नगर स्थित साधना केंद्र में संडे ध्यान में आचार्या मां उषा ने सक्रिय ध्यान करवाया। उन्होंने बताया कि सक्रिय ध्यान एक प्रकार का ध्यान अभ्यास है जिसमें केवल शांत बैठना शामिल नहीं होता, बल्कि शारीरिक गतिविधि या सक्रियता भी होती है।

आचार्या मां उषा ने रविवार को आयोजित इस ध्यान कार्यक्रम में कहा कि यह ध्यान की एक विधि है जिसमें शारीरिक क्रियाओं को मानसिक ध्यान और साक्षात्कार के साथ मिलाया जाता है। सक्रिय ध्यान के कुछ सामान्य प्रकारों में योग और ध्यान-संबंधित चलने की क्रियाएं शामिल हो सकती हैं। इसमें व्यक्ति की मानसिक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शारीरिक गतिविधियों का उपयोग किया जाता है। शारीरिक गतिविधि के साथ ध्यान लगाने से मन की स्पष्टता और फोकस बढ़ सकता है। यह ध्यान लगाने वाले को मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त करने में मदद करता है। इस ध्यान के अभ्यास से तनाव और चिंता कम हो सकते हैं। शारीरिक गतिविधि के दौरान एंडोर्फिन का स्राव होता है जो मन को सुकून और खुशी का अनुभव कराता है। जब ध्यान और शारीरिक गतिविधि एक साथ की जाती है, तो यह ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और उत्पादकता को बढ़ा सकती है। सक्रिय ध्यान से व्यक्ति को अपने आप को बेहतर तरीके से समझने का अवसर मिलता है। यह आत्म-प्रतिबिंब और आत्म-जागरुकता को बढ़ावा देता है।

ध्यान के बाद ओशोधारा हरियाणा के संयोजक आचार्य सुभाष ने साधकों को सम्बोधित करते हुए बताया कि ओशोधारा के कार्यक्रम वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से प्रमाणिक है और ध्यान को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर सप्ताह पूरे देश में ध्यान योग का कार्यक्रम तय किया गया है। ओशोधारा के मुख्य आश्रम मुरथल में हर महीने दो ध्यान योग के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जो भी ध्यान योग करने का इच्छुक है वो ओशोधारा के मुरथल आश्रम में जा कर सकता है। उन्होंने बताया कि 25 से 27 अक्टूबर को ओशोधारा समर्थ गुरूदेव के प्रेम आशीष से हिसार सहित पूरे देश में 30 से अधिक ध्यान के कार्यक्रम करवाने जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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