युवा पीढ़ी को संस्कृत भाषा और उसके आध्यात्मिक सार सीखने की सलाह दी

कठुआ, 21 अगस्त (हि.स.)। संस्कृत सप्ताह के भाग के रूप में राजकीय महिला महाविद्यालय कठुआ के संस्कृत विभाग ने संस्कृत भजन, भाषण और श्लोक पाठ की एक प्रतियोगिता का आयोजन किया।

इस कार्यक्रम में पांचवें सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने भाग लिया। मंच संचालन वंदना ने किया, मंगलाचरण मानसी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्या डॉ. सावी बहल की देखरेख में संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गोपाल शर्मा ने किया। अपने संबोधन में प्राचार्य डॉ. सावी बहल ने इस बात पर जोर दिया कि संस्कृत के नैतिक श्लोक उच्च आदर्श और नैतिक मूल्य प्रदान करते हैं जो आज के युग में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने संस्कृत और भारतीय संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि “सर्वे भवन्तु सुखिनः“ की भावना और उच्च आदर्श संस्कृत भाषा से प्राप्त होते हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी को संस्कृत भाषा और उसके आध्यात्मिक सार के बारे में सीखने की सलाह दी। कार्यक्रम को रजनी और अन्य छात्रों द्वारा प्रस्तुत गीतों से और भी जीवंत बना दिया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर कॉलेज के शिक्षक डॉ. ऋतुराज शर्मा, डॉ. सतीश खजूरिया, लाइब्रेरी प्रमुख सौरभ दत्ता और संजीव जम्वाल भी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया / बलवान सिंह

   

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