कृषि केवल फसलों के उत्पादन का माध्यम ही नहीं बल्कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है : विजय सिन्हा
- Admin Admin
- Mar 05, 2025

पटना, 05 मार्च (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आज शाम अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि कृषि केवल फसलों के उत्पादन का माध्यम ही नहीं बल्कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। कृषि प्रकृति का अमूल्य उपहार है, जिसमें एक बीज जमीन में डालने से सैकड़ों बीज बाहर आते हैं। इसलिए हमारे प्रधानमंत्री किसानों को अन्नदाता कहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जीवाईएएन (ग्यान) के सम्मान की बात करते है और कृषि एक ऐसा माध्यम है जिसमें गरीब, युवा, अन्नदाता और नारीशक्ति से चारों अक्षर जुड़े है।
कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है जहां लगभग 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी कृ षि पर निर्भर है। हमारे देश के कल्चर का आधार ही एग्रीकल्चर है। भारत के समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक ढ़ाचे की नीव कृषि ही है। देश की अर्थव्यवस्था में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, बल्कि ग्रामीण विकास में भी योगदान देते हैं। बिहार राज्य में लगभग 75 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है, जिसमें से 90 प्रतिशत से अधिक किसान लघु और सिमांत श्रेणी में आते हैं। मेरे लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है कि मुझे समाज के 80 प्रतिशत कृषि आधारित जनता की सेवा और उनके उत्थान करने का अवसर मिला है।
कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने किसानों के लिए जो सपना संजोया है, उन सपनों को साकार करने हेतु मुझे मौका दिया है। हम उन सपनों को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि किसान विकसित होगा तभी राष्ट्र विकसित होगा। देश के पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब ने कृषि को राज्य की मौलिक योग्यता कहा था। इसलिए विकसित बिहार का सपना तभी साकार होगा जब कृषि और किसानों का वास्तविक उत्थान होगा।
मंत्री सिन्हा ने कहा कि कृषि एवं किसानों के उत्थान की शुरूआत हम कृषि कल्याण यात्रा के माध्यम से बिहार के प्रत्येक जिले में जाकर उन सभी किसानों के बीच बैठकर करेंगे। इस माध्यम से इस विभाग की सभी योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि हम कृषि और किसानों को फिजिकल, डिजिटल और सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराकर समेकित विकास सुनिश्चित करेंगे। आज 6700 किमी. रेल नेटवर्क और 2 लाख किमी सड़क संरचनाओं की उपलब्धता राज्य में है। इन बुनियादी ढांचों की सुविधा का लाभ कृषि के तीव्र विकास में लिया जा सकता है। हम लोगों को किसानों से भौतिक, डिजिटल और समाजिक स्तर पर जुड़ना और उन्हे जोड़ना भी है। दलहन और तेलहन फसलों की अधिप्राप्ति इसी मौसम में किया जाना है। दलहन क्षेत्र विकसित कर टाल क्षेत्र का विकास करना सरकार की प्राथमिकता रहेगी। किसान विकसित होगा, तभी बिहार विकसित होगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी