अज्ञात बीमारी के कारण घोड़े जा रहे वापस

गुप्तकाशी, मई (हि.स.)।केदारनाथ धाम की यात्रा के चाक चौबंद को लेकर शासन प्रशासन के सभी दावे खोखले सिद्ध हो रहे हैं। यात्रा के आरंभ कल से ही जो बीमारी घोड़े और खच्चरों में फैली है, उस बीमारी का नाम तक विभाग को ज्ञात नहीं है।

समाधान तो बहुत दूर की बात है। पशुपालन विभाग ने हाथ खड़े करते हुए कह दिया कि सरकार द्वारा उक्त बीमारी के परीक्षण के लिए जल्द ही प्रशिक्षित चिकित्सकों की टीम आएगी। यक्ष प्रश्न यह है, कि जब घोड़े और खच्चरों का परीक्षण यात्रा काल से एक या दो माह पूर्व क्यों नहीं किया गया। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से लगभग दो महा पूर्वक घोड़े, खच्चर कंडी, डंडी, टेंट स्वामी अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर देते हैं। क्योंकि अमूमन केदार घाटी के 80% लोगों की आजीविका केदारनाथ धाम पर ही निर्भर रहती है। गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच में अस्थाई टेंट, दुकान, छोटे-छोटे स्टॉल घोड़े ,खच्चर ,कंडी पालकी आदि से लोग अपनी आर्थिक जुटाते हैं। इतना ही नहीं केदारनाथ कपाट खुलने से पूर्व यह लोग अपने घर में कुछ महीनो का राशन , खाद्यान्न भी रख लेते हैं जिसका पेमेंट केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद कर देते हैं, और दुकानदार इस विश्वास पर हजारों का उधार इन्हें दे देते हैं। लेकिन इस बार खच्चरों में फैल रही बीमारी के चलते न केवल 80 से अधिक जानवर मर चुके हैं, बल्कि इन जानवरों में यह बीमारी तेजी से फैलती भी जा रही है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने कुछ दिनों के लिए घोड़े खच्चरों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि कम से कम अन्य जानवर भी इस बीमारी के चपेट में ना आ पाएं।

लगभग साठ फीसद से अधिक घोड़े खच्चर मालिक अपने जानवरों को वापस अपने घरों की ओर ले जा चुके हैं। बताया यह जा रहा है कि गौरीकुंड से केदारनाथ में पालकी या डंडी स्वामी अब किराया बढ़ाकर यात्रियों की यात्रा करवा रहे हैं। हेलीकॉप्टर सेवा में भी ऑनलाइन बुकिंग होने के साथ-साथ प्रतिदिन मौसम के बिगड़ते मिजाज को लेकर टिकट नहीं मिल पा रही है, जिस कारण कई तीर्थ यात्रियों को वापस जाना पड़ रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद सिंह रावत ने बताया कि लगभग 80 से अधिक खच्चरों की मौत हो चुकी है जबकि सरकारी आंकड़े महज 14 घोड़े और खतरों की मृत्यु का दावा कर रहे हैं ।

जिला पशुपालन अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि उक्त बीमारी के परीक्षण के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक टीम को भेजा जा रहा है ,परीक्षण के उपरांत ही उक्त बीमारी के समाधान की कोशिश की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / बिपिन

   

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