अजयमेरु प्रेस क्लब में छाई विभिन्न संस्कृतियों की बहार

अजमेर, 21 नवंबर (हि.स)। प्रयोग ही आविष्कार के कारक होते हैं। यह बात अजयमेरु प्रेस क्लब के सालाना दीपावली स्नेह मिलन समारोह में स्पष्ट देखने को मिली। लीक से हटकर, इस बार क्लब-सदस्यों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की जगह बाहरी कलाकारों की विभिन्न विधाओं की प्रस्तुतियां शामिल की गईं। दर्शक हर प्रस्तुति पर झूम उठे, और कार्यक्रम अनूठे रंग में रंगा नजर आया।

कार्यक्रम की शुरुआत क्लब के कैरम गुरु बालमुकुंद चौरसिया की पौत्री जया द्वारा गणेश वंदना पर नृत्य से हुई। इसके बाद मशहूर जादूगर हैरती के पुत्र राजन बरगौतरा ने सेक्सोफोन पर मधुर गीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया। 10 वर्षीय गुंजन भट्ट ने ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं गाते हुए भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रति अपने समर्पण का प्रदर्शन किया।

अजमेर की सांस्कृतिक संस्था कला अंकुर की विजेता शाज़िया ने वेस्टर्न शैली में रात में जागते हैं गीत प्रस्तुत किया, जबकि उनकी दूसरी प्रस्तुति बाबू भाई गेडिया के साथ दुनिया में लोगों को धोखा कभी हो जाता है पर थी। वहीं, संजय बावेजा ने रात अकेली है गीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

राजस्थानी लोक नृत्य में आरती, पिंकी, और पायल ने चिरमी नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि किशनगढ़ की मधु शर्मा और मशहूर नर्तक अशोक कुमार शर्मा ने लोक नृत्य की विभिन्न शैलियों को मंच पर प्रस्तुत किया। किशनगढ़ की ही अगम्या शर्मा ने भारतीय शास्त्रीय नृत्य से सभी का मन मोह लिया।

कार्यक्रम में दो अनूठी प्रस्तुतियां विशेष रहीं। क्लब की महिला समूह हमसफर द्वारा माइमिंग प्रस्तुति में गीतों की भाव-भंगिमाओं को चेहरे और हाथों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। वहीं, सुर-सा बैंड ने फ्यूजन गायकी और वाद्य वादन के माध्यम से रेप, पॉप, भजन और लाइट म्यूजिक का शानदार संगम प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का समापन गणेश वंदना के राजस्थानी गीत पर नृत्य और कराओके मेडले के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित सभी दर्शकों ने अपनी आवाज मिलाई।

इससे पूर्व, क्लब के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. रमेश अग्रवाल, अध्यक्ष राजेंद्र गुंजल, महासचिव सत्यनारायण जाला और पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह सनकत ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलन किया। अध्यक्ष राजेंद्र गुंजल ने कार्यक्रम की तैयारी और सोच के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम का संचालन प्रताप सिंह सनकत और अमित टंडन ने किया, जबकि तकनीकी प्रबंधन आलम नवाज ने संभाला। गुरजेंद्र सिंह विर्दी ने साउंड ट्रैक सिस्टम की जिम्मेदारी निभाई। अंत में अरविंद मोहन शर्मा ने आभार व्यक्त किया।

प्रस्तुति देने वाले सभी कलाकारों को स्मृति चिह्न और कैरम प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार / संतोष

   

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