अजमेर, 11 जनवरी(हि.स)। अजमेर में शनिवार अल सुबह से बारिश शुरू हुई जो शाम तक थम-थम कर चलती रही, सड़कों पर अंधेरा सा छाया रहा। शीत लहर चलने व धुंधलका रहने से सुबह आठ कब बज गई पता ही नहीं चला। घरों से बाहर निकलने पर धूजनी छूटने लगी। सूर्यदेव बादलों में छिपे नजर आए।
स्कूलों का समय 9 बजे बाद का होने पर भी जिनके घर स्कूलों से दूर रहे उनके अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजना दूभर हो गया। आधे से एक घंटे पहले बच्चों को घरों से निकालना होता है बरसात के कारण खासी परेशानी उठानी पड़ी और जिन अभिभावकों को अपने बच्चों को टू व्हीलर पर छोड़ना पड़ता है उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई। एक तरफ बारिश से दूसरी तरफ सर्दी, सड़कों पर फिसलन, कीचड़ गड्डे होने से अभिभावकों का ब्लडप्रेशर बच्चों के लिए घर बैठे ही बढ़ा हुआ रहा।
मौसम विभाग द्वारा एक दिन पहले ही अलर्ट जारी कर दिया गया था किन्तु जिला प्रशासन ने कुछ दिन पूर्व ही मौसम का संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक स्तर पर छुट्टी घोषित कर दी थी तब मौसम वैसा नहीं रहा जैसी अपेक्षा की गई थी लिहाजा स्कूलों में अवकाश घोषित करना बेकार ही रहा। शनिवार को मौसम विभाग के अलर्ट के बावजूद प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया जिससे अभिभावकों को परेशानी हुई। वर्तमान में कक्षा 1 से 12 तक सभी बच्चों की स्कूलें खुली हैं ऐसे में छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भी अभिभावकों को चिंता सता रही है।
इधर, मौसम खराब होने के कारण सड़कों पर यातायात भी प्रभावित बना रहा। सड़कों पर निर्माण कायों के कारण पहले ही स्थिति खराब बनी हुई थी बारिश ने वहां कीचड़ व फिसलन कर दी। अल सुबह से शुरू हुई बरसात का असर सीधे दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा, भवन निर्माण कार्यों पर जाने वाले मजदूरों की छुट्टी हो गई। मजदूर हाट बाजार में कोई ठेकेदार मजदूर लेने नहीं आया। निर्माण कार्य ठप हो गए।
अजमेर के निकटस्थ पुष्कर तीर्थ क्षेत्र में भी पर्यटन प्रभावित रहा। सुबह से ही मौसम का मिजाज बदलने से जातरुओं की आवक थम सी गई।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष