सनातन के लिए अनर्गल बोलने वालों के खिलाफ एक हों सभी हिन्दू संगठन : विहिप
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- Mar 31, 2025

-स्वामीनारायण सम्प्रदाय के स्वामी के बयान पर विहिप ने जतायी नाराजगी
अहमदाबाद, 31 मार्च (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के गुजरात के सह पालक अशोक रावल ने हाल के दिनों में स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामी ज्ञानप्रकाश और नीलकंठ चरणदास के सनातन धर्म के संबंध में कही गई बातों की निंदा की है। रावल ने सोमवार को बताया कि उन्होंने इस संबंध में अविचलदास महाराज और शंकराचार्य के साथ बात की है। वे इस संबंध में पत्र भी लिखेंगे। सम्प्रदाय के स्वामियों के विवादित बातों को उन्होंने सनातम धर्म को तोड़ने और बदनाम करने वाला बताते हुए ऐसी कोशिश पर लगाम लगाने की आवश्यकता जताते हुए सभी हिन्दू संगठनों को एक होने की अपील की है।
स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामियों के बयान पर विश्व हिन्दू परिषद ने गहरी नाराजगी जतायी है। हाल के दिनों में ही स्वामीनारायण संप्रदाय के उक्त स्वामियों ने संत जलाराम बापा और द्वारकाधीश के बारे में बयान देकर विवाद पैदा किया था। विहिप के अशोक रावल ने कहा कि स्वामीनारायण संप्रदाय के लोगों का अब सनातन धर्म के प्रति अनाप-शनाप बोलना एक ट्रेंड जैसा हो गया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म का बारंबार अपमान किया जा रहा है। आगामी दिनों में यदि किसी ने भी इस तरह की बात कहीं तो अब उचित कार्रवाई करने का समय आ गया है।
रावल ने कहा कि पूर्व में सालंगपुर में भित्तिचित्र बनाकर सनातन धर्म के लोगों का अपमान किया गया था। इससे लोग में रोष पैदा हुआ था। बाद में समग्र मामले में विहिप ने मध्यस्थता कर विवाद को खत्म कराया था। इसके बाद भी स्वामीनारायण संप्रदाय के लोग शांत नहीं हुए हैं, वे किसी तरह सनातन धर्म से खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश करते दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि हाल में द्वारकाधीश, संत जलाराम बापा, माता गंगा, शिव और पार्वती को लेकर भी अर्नगल बात कहीं गईं। इन सभी बातों को लेकर स्वामीनारायण संप्रदाय के आचार्यों के साथ बात की गई थीं। इस पर आचार्य ने कहा कि स्वामीनारायण के कई स्वामी उनके कंट्रोल में नहीं हैं। कई स्वामी को सनातन धर्म के बारे में गलत बातों को नहीं कहने को समझाया-बुझाया गया है। लेकिन, कई स्वामी खुद को ही विद्वान मानकर आचार्य की भी बात नहीं मानते हैं।
उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं बोले, इसके लिए सभी संगठनों को एक साथ आने की जरूरत है, साथ ही कहा गया कि कार्रवाई करने का यह समय आ गया है। उन्होंने कहा कि समाज के मुख्य संत, शंकराचार्य, संत समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष आदि प्रमुख लोगों को एक साथ बैठकर सनातन धर्म के संबंध में बेलगाम बोलने वालों को लेकर आचार संहिता बनाने की जरूरत है, जिससे स्वामीनारायण संप्रदाय समेत अन्य कोई भी सम्प्रदाय सनातन के विरुद्ध अमर्यादित बात नहीं बोले और सनातन धर्म का अपमान नहीं कर सके।
दोनों स्वामियों के इस बयान से उपजा था विवाद-
सूरत के वेडोड स्थित स्वामीनारायण गुरुकुल के स्वामी नीलकंठ चरणदास ने 26 मार्च को एक कार्यक्रम में कहा था कि द्वारकापति (द्वारिकाधीश) ने स्वामी
महाराज से प्रार्थना की थी कि आप बड़ा धाम बनाओ, विशाल मंदिर बनाओ तो हमारी इच्छा है कि वहां आकर मैं निवास करूं। स्वामी के इस बयान के बाद से गुजरात के श्रद्धालुओं में रोष व्याप्त है।
दूसरे मामले में एक वायरल वीडियो में सूरत के अमरोली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान स्वामी ज्ञानप्रकाश ने कहा था कि जलाराम बापा (सनातन संत) का इतिहास गुणातीतानंद स्वामी के साथ जुड़ा हुआ है। जलाराम बापा जूनागढ़ स्वामीनारायण मंदिर में लंबे समय तक रहे और सेवा की थी। स्वामी गुणातीतानंद वीरपुर आए थे। इस बीच जलाराम बापा को यह सूचना मिली कि गुणातीतानंद वीरपुर आए हैं तो वे उन्हें बुलाने के लिए गए। इसके बाद जलाराम बापा ने स्वामी से आशीर्वाद मांगा कि स्वामी हमारी एकमात्र इच्छा है कि यहां हमेशा के लिए सदाव्रत चले और जो कोई यहां आए उसे भोजन-प्रसाद मिले। इस पर गुणातीतानंद स्वामी ने कहा कि पहले मुझे तो खिलाओ जला भगत। इस पर जलाराम बापा ने स्वामी गुणातीतानंद को दाल-बाटी खिलाया। इस पर गुणातीतानंद खूब प्रसन्न हुए और जलाराम बापा को आशीर्वाद दिए कि जला भगत तुम्हारा संकल्प भगवान पूरा करे और हमेशा के लिए तुम्हार भंडार भरा रहेगा। स्वामी गुणातीतानंद ने स्वामी को जो 200 साल पहले आशीर्वाद दिया, इसके फलस्वरूप आज तक बहुत ही अच्छा काम हो रहा है, अन्नदान बहुत होता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय