इलाहाबाद बैंक डकैती : उत्तराखंड एसटीएफ ने ​20 वर्ष से फरार डकैत को तमिलनाडु से दबोचा, एक लाख रुपये था इनाम

- हरिद्वार में वर्ष 2004 में बैंक में दिनदहाड़े हुई थी डकैती की घटना

- एक माह बाद ही गिरोह के सरगना को पुलिस ने मार गिराया था

- चार डकैत भेजे जा चुके थे जेल, घटना के बाद से ही फरार था अपराधी

- वांछित के घर की कुर्की तक की गई, फिर भी पुलिस की पकड़ से दूर था डकैत

देहरादून, 19 अक्टूबर (हि.स.)। हरिद्वार में वर्ष 2004 में इलाहाबाद बैंक में दिन-दहाड़े डकैती की घटना को अंजाम देने वाले अपराधी को उत्तराखंड एसटीएफ ने 20 वर्ष बाद आखिरकार तमिलनाडु से गिरफ्तार कर लिया। डकैत पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। बैंक डकैती में अपने साथी टीपू यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पकड़े जाने के डर से अपना वेष बदलकर डकैत विशाखापट्टनम चला गया था। वहां फुटपाथ पर कपड़े की ठेली लगाकर जीवनयापन करने लगा। उसके बाद वहीं पर शादी करके रहने लगा।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ ने बताया कि 17 दिसंबर को दोपहर 02:20 बजे इलाहाबाद बैंक हरिद्वार में चार से पांच बदमाश तमंचे लेकर घुसे और सभी स्टॉफ को बंधक बनाकर बैंक हॉल में कब्जे में ले लिया। हेड कैशियर व प्रबंधक परिचालन को तमंचा दिखाकर चाभी लेकर बदमाश कैश स्ट्रांग रूम में गए। हेड कैशियर के केबिन से व स्ट्रांग रूम से कुल नौ लाख 61 हजार 950 रुपये दो बैग में भरकर ले गए। जाने से पहले सभी कर्मचारियों को बैंक के स्ट्रांग रूम में बंद कर दिए थे।

दिनदहाड़े हुई डकैती की घटना को हरिद्वार के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (वर्तमान पुलिस महानिदेशक) अभिनव कुमार ने गंभीरता से लेते हुए त्वरित खुलासा किया। घटना में शामिल गिरोह के सरगना मुख्य अभियुक्त टीपू यादव निवासी दिगहा, पटना, बिहार को हरिद्वार पुलिस ने घटना के लगभग एक माह बाद ही मुठभेड़ में मार गिराया था। घटना में शामिल चार अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका था लेकिन उदय उर्फ विक्रांत तभी से फरार चल रहा था। वांछित अभियुक्त के घर की कुर्की तक की गई लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। पुलिस मुख्यालय उत्तराखंड से इस डकैत की गिरफ्तारी के लिए एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की गई थी।

यह इनामी अपराधी तमिलनाडु में छिपकर रह रहा था। सूचना मिलने पर उप निरीक्षक विद्यादत्त जोशी के नेतृत्व में एसटीएफ टीम जनपद वेल्लोर तमिलनाडु भेजी गई। एसटीएफ टीम फरार इनामी अपराधी उदय उर्फ विक्रांत निवासी ग्राम खेरकैमा, जिला पटना, बिहार को तमिलनाडु से गिरफ्तार कर शनिवार को हरिद्वार ले आई।

हरिद्वार में बैंक डकैती से पहले बिहार में फिरौती के लिए एक व्यक्ति का किया था अपहरण

पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि उसने हरिद्वार में बैंक डकैती की घटना से पहले बिहार में पटना क्षेत्र से एक व्यक्ति रविंदर उर्फ अरविंद का फिरौती के लिए अपहरण किया था। इसके बाद वह वर्ष 2004 में हरिद्वार आ गया था। यहां पर उसने जूस की ठेली लगाई और अपने साथियों के साथ इलाहाबाद बैंक में डकैती की योजना बनाकर घटना को अंजाम दिया था। बैंक डकैती में अपने साथी टीपू यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद पकड़े जाने के डर से अपना वेष बदलकर अपने भाई पवन कुमार के साथ विशाखापट्टनम चला गया था। वहां फुटपाथ पर कपड़े की ठेली लगाकर जीवनयापन करने लगा। उसके बाद वहीं पर शादी करके रहने लगा।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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