संयुक्त राज्य अमेरिका के 25वें राजदूत ने‌ ऋषिकेश में की गंगा आरती, परमार्थ निकेतन की दिव्यता निहारा

ऋषिकेश, 20 अगस्त (हि.स.)। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती के सानिध्य में भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के 25वें राजदूत एवं प्रबंधन और संसाधन उप सचिव रिचर्ड वर्मा ने मंगलवार काे धर्मपत्नी पिंकी वर्मा, बच्चे लूसी वर्मा, जो वर्मा, डयलन वर्मा और बहनें लक्की, रीटा व रोमा संग परमार्थ निकेतन परिसर में पूजा कर संतों, ऋषिकुमारों और निराश्रितों को भंडारा खिलाया।

परमार्थ निकेतन का दिव्य, अद्भुत, आध्यात्मिक वातावरण, विभिन्न धार्मिक-आध्यात्मिक गतिविधियां, वैश्विक स्तर के सेवा कार्य, विश्व शांति, सद्भाव व स्वच्छता को समर्पित कार्यों को देख पूरा वर्मा परिवार अत्यंत प्रभावित हुआ। रिचर्ड वर्मा ने बताया कि उनके पिता डॉ. कमल वर्मा के मृत्यु के पश्चात पूरा परिवार एक साथ परमार्थ निकेतन आया है। सभी ने मिलकर स्वामी का आशीर्वाद लेकर मां गंगा का पूजन-अर्चन के साथ आरती की।

डॉ. कमल वर्मा का निधन मार्च 2024 में वाशिंगटन डीसी में 91 वर्ष की अवस्था में हुआ। डॉ. वर्मा ने पेंसिल्वेनिया में जॉसटाउन (यूपीजे) में पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में 42 वर्षों तक पढ़ाया। सेवानिवृत्ति के बाद भी प्रोफेसर एमेरिटस और विश्वविद्यालय अध्यक्ष के सलाहकार के रूप में काम जारी रखा। उनका पूरा जीवन और कार्य भारतीय साहित्य व संस्कृति के अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने दक्षिण एशियाई साहित्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कई साहित्यिक पत्रिकाओं और संकलनों का संपादन किया। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से भारतीय साहित्य और संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया।

स्वामी ने बताया कि आज से 45 वर्ष पूर्व जब वे अमेरिका गए थे तब डा. कमल वर्मा व उनका परिवार बड़े ही भक्ति-भाव से मिला और हमेशा के लिए जुड़ गए। उनकी पांच संतानों में रिचर्ड वर्मा सबसे छोटे थे। उनकी रूचि भारत की संस्कृति और साहित्य में थी। वही संस्कार उन्होंने अपने तीनों बच्चों लूसी वर्मा, जो वर्मा और डयलन वर्मा को भी दिए हैं। डा. कमल वर्मा अंग्रेजी के प्रतिष्ठित प्रोफेसर थे। उन्होंने हिंदू धर्म विश्वकोश के संपादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

हिन्दुस्थान समाचार / विक्रम सिंह / कमलेश्वर शरण

   

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