अमित मालवीय ने ममता सरकार पर अवैध घुसपैठ व मतदाता आधार बनाने का आरोप लगाया
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- Nov 20, 2025
कोलकाता, 20 नवम्बर (हि.स.)। भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमाओं की लंबाई लगभग 15 हजार 106.7 किलोमीटर है, और इनमें सबसे लंबी सीमा बांग्लादेश के साथ है , लगभग 4,096.7 कि.मी., जो पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम को छूती है।
हालांकि इस पूरी सीमा की निगरानी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) करता है, फिर भी पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर अवैध घुसपैठ की घटनाएं होती रहती हैं। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि ममता बनर्जी की तृणमूल सरकार इस घुसपैठ में सक्रिय भूमिका निभा रही है, निवास सुविधायें देना, दस्तावेज तैयार करना और घुसपैठियों को “मतदाता बैंक” के तौर पर बसाना। उनके अनुसार, उत्तर 24 परगना जिले से सर्वाधिक फर्जी आधार कार्ड बरामद किए गए हैं, और बहुत से ऐसे कार्ड अवैध घुसपैठियों से जुड़े हैं।
मालवीय ने यह भी कहा कि ममता सरकार ने 400 कि.मी. से अधिक बॉर्डर बाउंडरी की बाड़ लगाने के प्रस्ताव को रोक दिया है। इससे यह अंदेशा बढ़ता है कि वे चुनावी रणनीति के लिए घुसपैठ को बढ़ावा दे रही हैं।
इसके अतिरिक्त, उनका आरोप है कि तृणमूल पुलिस और प्रशासनिक तंत्र का इस्तेमाल कर बीएसएफ कर्मियों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने कई बार बीएसएफ जवानों के खिलाफ “बिना वजह के मुकदमे” दर्ज कराए, ताकि उनकी सीमा परिक्षण की सक्रियता को कम किया जा सके।
मालवीय के मुताबिक, ममता बनर्जी की राजनीतिक ताकत का बहुत भाग उसी मतदाता आधार पर निर्भर है, जिसे कथित रूप से अवैध तरीकों से बढ़ाया गया है। उनका कहना है कि 2026 में बंगाल विधानसभा चुनावों में उनकी सत्ता संकट में है, और इसलिए वह “निर्मित वोट बैंक” को बचाने के लिए शरण दे रही हैं।
उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि ऐसा जारी रहा, तो पश्चिम बंगाल में निर्वाचन प्रक्रिया और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों को खतरा हो सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता



