मोदी सरकार की मुद्रा योजना में 10 वर्षों में ₹33 लाख करोड़ का लोन वितरित : अनुराग सिंह ठाकुर

शिमला, 08 अप्रैल (हि.स.)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मुद्रा योजना के 10 साल पूरे होने पर इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस योजना के तहत 52 करोड़ से ज्यादा लोन खातों के माध्यम से ₹33 लाख करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया है जिससे करोड़ों भारतीयों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।

ठाकुर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि मुद्रा योजना ने 10 वर्षों में देश में स्वरोजगार को बढ़ावा दिया है और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। इस योजना के कारण लाखों लोग जॉब सीकर की जगह जॉब क्रिएटर बन चुके हैं। विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।”

उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 8 अप्रैल 2015 को मुद्रा योजना की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य बेरोजगारी को कम करना और लोगों को आत्मनिर्भर बनाना था। इस योजना के तहत 52 करोड़ से ज्यादा लोन खाता खोले गए और ₹32.61 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लोन वितरित किया गया। इन लोन में से लगभग 70 प्रतिशत महिला उद्यमियों को दिए गए हैं।”

ठाकुर ने मुद्रा योजना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “इस योजना के तहत हाल ही में ऋण सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है, जो महिलाओं को और अधिक स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा दिया है और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत किया है।”

उन्होंने यह भी कहा, “मुद्रा योजना ने न केवल भारत के नागरिकों को स्वरोजगार के अवसर दिए हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी इस योजना की सराहना की है। आईएमएफ की 2024 की रिपोर्ट में कहा गया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसे कार्यक्रम भारत में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक सक्षम नीतिगत वातावरण प्रदान कर रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप वित्तीय पहुंच और समावेशी उद्यमशीलता में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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