काशी को मांस मदिरा मुक्त करने के लिए द्वादश ज्योतिर्लिंगों से लगाई अर्जी

—ब्रह्म सेना और आगमन के सदस्यों ने निकाली यात्रा

वाराणसी,11 अगस्त (हि.स.)। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी को मांस मदिरा मुक्त क्षेत्र घोषित करने की मांग फिर तेज हो गई है। काशी के अन्तरगृही क्षेत्र में मांस मदिरा के बिक्री और सेवन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने को लेकर सामाजिक संस्था आगमन और ब्रह्म सेना के सदस्यों ने काशी में रविवार को द्वादश ज्योतिर्लिंग यात्रा निकाली। गौरी केदारेश्वर के जलाभिषेक से इसकी शुरुआत हुई। केदारघाट स्थित गौरी केदारेश्वर के जलाभिषेक के बाद उन्हें प्रतीक रूप से मांग पत्र सौंपा गया। इसके बाद बैजनत्था स्थित बैजनाथ,कमच्छा के घृष्णेश्वर, सिगरा टीला स्थित मल्लिकार्जुन महादेव, लक्सा रामेश्वर कुण्ड स्थित रामेश्वर, हौजकटोरा में त्र्यम्बकेश्वर, महामृत्युंजय मंदिर में महाकालेश्वर ( महाकाल ),पठानी टोला में ओंकारेश्वर,भोसला घाट में नागेश्वर महादेव, नेपाली खपड़ा काशी करवट में भीमाशंकर महादेव,विश्वनाथ धाम में श्री काशी विश्वनाथ और मानमन्दिर घाट के समीप सोमेश्वर महादेव का सदस्यों ने दर्शन किया। काशी के इन सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों में दर्शन और सामूहिक जलाभिषेक के बाद महादेव को एक मांग पत्र भी सौंपा गया। जिसमें काशी के अन्तरगृही क्षेत्र में अयोध्या और वृंदावन के तर्ज पर मांस मदिरा के बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बात लिखी गई । आगमन संस्था के संस्थापक और ब्रह्म सेना के प्रमुख डॉ संतोष ओझा ने बताया कि काशी दुनिया के प्राचीनतम शहरों में से एक है। इस शहर में स्वयं बाबा विश्वनाथ विराजमान है।ऐसे में इस पवित्र शहर में मांस मदिरा के बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / बृजनंदन यादव

   

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