बिहार के अररिया एएसआई मौत मामले में पांच दिनों के बाद भी पुलिस पकड़ से बाहर है मुख्य आरोपी अनमोल यादव

अररिया 17 मार्च(हि.स.)। बिहार में अररिया जिले के फुलकाहा थाना क्षेत्र अन्तर्गत लक्ष्मीपुर चौक पर 12 मार्च की रात्रि पुलिस पर हमला कर गांजा तस्कर अनमोल यादव को भीड़ ने छुड़ा लिया था और मामले में एएसआई राजीव रंजन मल्ल के साथ धक्कामुक्की में उनकी जान चली गई थी। घटना के आज पांच दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अनमोल यादव को गिरफ्तार करने या फिर उनका कोई सुराग लगा पाने में पुलिस और गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) विफल साबित हुई है।

घटना के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंजनी कुमार के द्वारा मामले को लेकर फारबिसगंज एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी की टीम घटना के बाद ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए अगले ही दिन छह नामजद आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन उसके बाद एसआईटी अन्य आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई। जबकि मामले को लेकर फुलकाहा थानाध्यक्ष रौनक कुमार सिंह के द्वारा 18 नामजद और 50 से 60 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर कांड संख्या 40/25 बीएनएस के विभिन्न धाराओं में दर्ज कराया गया। जिसमें भीड़ के द्वारा पुलिस टीम पर हमला कर एनडीपीएस, मद्य निषेध एवं आर्म्स मामलों के आरोपी गांजा तस्कर अनमोल यादव को छुड़ा लेने की बात कही गई। घटना के पांच दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अनमोल यादव को गिरफ्तार करने या फिर उनका कोई सुराग लगा पाने में पुलिस और गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) विफल साबित हुई है। जिसको लेकर अब ग्रामीणों के साथ साथ पुलिस महकमे में भी सवाल खड़े होने लगे हैं।

अनमोल यादव आखिरकार कहां छिपा है,इसका कोई सुराग पुलिस को पता नहीं चल पाया है। स्थानीय लोग उसके नेपाल से लेकर भारत में अपने रिश्तेदार के घर छिपे होने की बात दबी जुबान में करते हैं। दो दिन पहले पूर्णिया रेंज के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल भी फुलकाहा थाना पहुंचकर मामले की जानकारी लेते हुए मामले से जुडे एसआईटी की प्रगति रिपोर्ट लिया था। पूर्णिया रेंज के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने अनमोल यादव सहित अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के सख्त निर्देश भी दिए थे। लेकिन डीआईजी के निर्देश के दो दिन बीत जाने के बाद भी मामले को लेकर गठित एसआईटी अंधेरे में तीर मार रही है।

अनमोल यादव नरपतगंज थाना क्षेत्र के खैराचंदा का रहने वाला है और गांजा सहित अन्य मादक पदार्थों को तस्करी के धंधे में संलिप्त बताया जाता है।एनडीपीएस मामले में ही पुलिस उन्हें गिरफ्तार की थी और अपने साथ थाना ले जा रही थी।जिस क्रम में भीड़ के द्वारा पुलिस टीम पर हमला कर उन्हें छुड़ाकर अपने साथ लेकर चली गई थी और धक्कामुक्की में एएसआई राजीव रंजन मल्ल की मौत हो गई थी।अनमोल यादव और उनके सहयोगियों के द्वारा पूर्व में भी पुलिसिया कार्रवाई के दौरान पुलिस पर हमला किया गया था।बावजूद इसके अब तक पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं होना,बड़ा सवाल खड़ा करता है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर

   

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