अर्जुन बाबूटा ने शूटिंग लीग ऑफ इंडिया के लॉन्च पर कहा, अब इस खेल को मिलेगा उसका हकदार सम्मान

नई दिल्ली, 16 जून (हि.स.)। शूटिंग लीग ऑफ इंडिया (एसएलआई) की पहली सीजन की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और देश के निशानेबाज इस अनोखे कॉन्सेप्ट को लेकर बेहद उत्साहित हैं। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) द्वारा शुरू की जा रही इस लीग का उद्देश्य शूटिंग स्पोर्ट की बढ़ती लोकप्रियता और अंतरराष्ट्रीय मंच पर हालिया सफलताओं को और मजबूती देना है।

2024 पेरिस ओलंपिक में भारत ने शूटिंग में तीन पदक जीतकर इतिहास रचा था और हाल ही में अर्जुन बाबूटा और आर्या बोर्से की जोड़ी ने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप (राइफल/पिस्टल) में 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर भारत की निरंतर श्रेष्ठता को दोहराया।

ओलंपियन अर्जुन बाबूटा का मानना है कि यह लीग इस खेल की दिशा और दशा दोनों को बदलने की क्षमता रखती है। उन्होंने कहा, “हर कोई इस लीग को लेकर बहुत उम्मीदें रखता है। हमारे मन में जितनी कल्पनाएं चल रही हैं, उतनी शायद किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट को लेकर नहीं हुईं। मेरा मानना है कि इस तरह की लीग से खेल को हर स्तर पर बढ़ावा मिलेगा और यह अपने हकदार पहचान तक पहुंचेगा। अब हम बस इसके अगले कदमों का इंतजार कर रहे हैं।”

अपने शांत स्वभाव और अनुशासन के लिए पहचाने जाने वाले अर्जुन ने एक आधिकारिक बयान में आगे कहा, “मैं हमेशा कार्य पर ध्यान देने में विश्वास करता हूं, परिणाम की अपेक्षा नहीं करता। मैं शूटिंग का आनंद लेता हूं और मेरा ध्यान उसी पर रहता है। अगर कोई व्यक्ति किसी विशेष सोच से खुद को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर सकता है, तो वह भी अच्छा है।”

हालांकि शूटिंग मुख्यतः व्यक्तिगत खेल है, लेकिन यह फ्रेंचाइज़ी आधारित लीग खिलाड़ियों को टीम माहौल में खेलने का मौका देगी। अर्जुन बाबूटा इस फॉर्मेट से पहले ही परिचित हैं, क्योंकि वह जर्मनी की प्रतिष्ठित शूटिंग बुंदेसलीगा में एक क्लब के लिए खेल चुके हैं।

उन्होंने बताया, “मैं जर्मनी की टीम लीग का हिस्सा रह चुका हूं और वहां के सिस्टम से परिचित हूं। टीम का हिस्सा बनना एक अलग अनुभव होता है – यह रोमांचक होता है, दबाव भी कम होता है और खेल का आनंद भी आता है। दर्शकों के लिए भी यह फॉर्मेट बेहद मनोरंजक साबित होगा।”

आईएसएसएफ द्वारा इस लीग के आयोजन के लिए 20 नवंबर से 2 दिसंबर 2025 तक का समय निर्धारित किया गया है। लीग में पिस्टल (10 मीटर, 25 मीटर), राइफल (10 मीटर, 50 मीटर 3 पोजिशन) और शॉटगन (ट्रैप और स्कीट) के मिक्स्ड टीम इवेंट्स होंगे, जिन्हें एनएआरआई की तकनीकी समिति से मंजूरी मिल चुकी है।

बाबूटा को विश्वास है कि इस लीग से खिलाड़ियों की प्रतिस्पर्धात्मक मानसिकता मजबूत होगी और आम जनता को भी खिलाड़ियों की सोच और संघर्षों को समझने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने कहा, “लोगों को सिर्फ फिल्मों से नहीं बल्कि असल जीवन में यह जानने का मौका मिलेगा कि एक एथलीट किस तरह मेहनत करता है, किस सोच के साथ आगे बढ़ता है। हर इंसान की अपनी चुनौतियां होती हैं, और अगर हमारी कहानियां उन्हें प्रेरित कर सकें तो यह इस लीग की बड़ी उपलब्धि होगी।”

लीग में खिलाड़ियों को चार श्रेणियों में बांटा जाएगा — एलीट चैंपियंस, वर्ल्ड एलीट, नेशनल चैंपियंस और जूनियर व यूथ चैंपियंस। बाबूटा का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ खेलने से भारतीय निशानेबाजों को मानसिक मजबूती और नई रणनीतियों का लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, “पहले हमें लगता था कि हम तकनीकी रूप से मजबूत हैं, लेकिन मानसिक मजबूती में पीछे हैं। अब हम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ में हैं। अगर हम उन्हीं के साथ एक टीम में खेलेंगे, तो नए विचार और अनुभव साझा होंगे, जिससे हमारी तैयारी और बेहतर होगी।”

अर्जुन बाबूटा ने अंत में कहा, “जिन लोगों को शूटिंग खेल की ज्यादा समझ नहीं है, वे इस लीग के जरिए न सिर्फ खेल को, बल्कि खिलाड़ियों की सोच और दर्शन को भी समझ पाएंगे। यह दर्शकों के लिए भी एक शानदार अनुभव होगा।”

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

   

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