कनेक्टिविटी का कायाकल्प: असम-भूटान नई रेलवे लाइन की घोषणा

गुवाहाटी, 01 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री के 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' और 'नेवरहुड फर्स्ट पॉलिसी' के विजन की दिशा में सक्रियता से अग्रसर भारतीय रेलवे पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कई नए रेल परियोजनाओं को शुरू कर रही है। इस विजन के अनुरूप, असम को भूटान से जोड़ने के लिए कोकराझार से गेलेफू तक एक नई रेलवे लाइन प्रस्तावित है, जिससे सीमा पार संपर्क में सुधार होगा और द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 25 फरवरी को गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढ़ाचा शिखर सम्मेलन के दौरान इस परियोजना की घोषणा की।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (पूसीरे) के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने आज एक बयान में बताया है कि प्रस्तावित 69.04 किमी रेलवे लाइन असम के कोकराझार स्टेशन को भूटान के गेलेफू से जोड़ेगी, जिसकी अनुमानित लागत 3,500 करोड़ रुपये है। इस परियोजना में छह नए स्टेशनों का विकास शामिल है, जो बालाजान, गरुभासा, रुनिखाता, शांतिपुर, डाडगिरी और गेलेफू है। इसके अतिरिक्त, अवसंरचना योजना में 2 महत्वपूर्ण पुल, 29 बड़े पुल, 65 छोटे पुल, 01 रोड ओवर ब्रिज, 39 रोड अंडर ब्रिज और 11 मीटर लंबाई के 02 वायडक्ट शामिल हैं। अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और इसके बाद अनुमोदन एवं आवश्यक निर्देशों के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पेश की गई है।

प्रस्तावित रेलवे लाइन व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा प्रदान कर उल्लेखनीय रूप से भारत-भूटान संबंधों को प्रगाढ़ करेगा। यह कनेक्टिविटी में सुधार कर भूटान को अपनी पहली रेलवे लिंक प्रदान करेगा, जिससे निर्बाध परिवहन की सुविधा मिलेगी। इसके अतिरिक्त, यह रेलवे लाइन बोडोलैंड को एक ट्रेड और ट्रांसज़िट हब के रूप में स्थापित करेगी, जिससे स्थानीय व्यवसायों और समुदायों को लाभ होगा। कुल मिलाकर, असम-भूटान रेलवे लाइन बोडोलैंड की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी में बदलाव को तैयार है, जो दीर्घकालिक विकास और प्रगति के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / असरार अंसारी

   

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