उत्तराखंड मुक्त विश्विद्यालय में अनिवार्य शोध कार्यशाला सम्पन्न

हल्द्वानी, 21 नवंबर (हि.स.)। गुरुवार को उत्तराखंड मुक्त विश्विद्यालय में पत्रकारिता एवं मीडिया अध्ययन विद्याशाखा के अंतर्गत एमजेएमसी के चाैथे सेमेस्टर की चार दिवसीय अनिवार्य शोध कार्यशाला सम्पन्न हुई, जिसमें विद्यार्थियो को लघुशोध/डेजर्टेशन तैयार करने की विधि बताई। किसी भी समस्या के कारणों को जानकर उसका समाधान खोजना ही रिसर्च है। इसके अलावा किसी भी समस्या में पूर्व में हुए शोध और वर्तमान के अंतर को देखते हुए उसका तुलनात्मक अध्ययन, विश्लेषण कर समाधान खोजना ही असल शोध है, जिसका लाभ आने वाले समय में शोधार्थी व समाज को मिलता है। कार्यशाला का समापन करते हुए प्रोफेसर डॉ. राकेश रयाल ने इसके उद्देश्य पर विस्तार से जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि इस कार्यशाला से विद्यार्थियो को अपना लघुशोध, तैयार करने में मदद मिलेगी और बेहतर शोध पत्र तैयार होगा। इसके साथ ही शोध पत्र तैयार करते समय शोध का चुनाव, उद्देश्य, उससे सम्बंधित साहित्य का अध्ययन करना आदि की जानकारी भी दी। शोध लेखन के दौरान किस प्रकार से साहित्यिक चोरी से बचा जा सकता इस पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने विद्यार्थियो को लघुशोध तैयार करते समय उसकी मौलिकता पर विशेष ध्यान देने की बात कही जिससे साहित्यिक चोरी से बचा जा सके। इसके लिए उन्होंने विषय से संबंधित साहित्य का अध्ययन करने को कहा। साथ ही शोध के दौरान क्षेत्र में जाकर लोगों से साक्षात्कार लेने, गोष्ठी करने के साथ ही वर्तमान संचार तकनीक वीडियो कॉल से भी लोगों से तथ्यों की जानकारी जुटाकर रिसर्च पत्र तैयार करने की हिदायत दी। इस दौरान कार्यशाला संयोजक डाॅ. राजेंद्र सिंह क्वीरा और विषय के सभी शिक्षार्थी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनुपम गुप्ता

   

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