
जींद, 1 मई (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर गुरुवार को विभिन्न मजदूर संगठनों, कर्मचारी संगठनों ने शहर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन से पहले नेहरू पार्क में सभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता संयुक्त रूप से एसकेएस के जिला प्रधान संजीव ढांडा व सीटू उपाध्यक्ष कश्मीर सेलवाल ने की। सभा के बाद सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। मजदूर दिवस पर मई दिवस के शहीदों व पहलगाम के शहीदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देकर सभा की शुरुआत की।
सभा को संबोधित करते हुए सीटू जिला सचिव कपूर सिंह, फूलसिंह श्योकंद, सर्व कर्मचारी संघ के नेता धर्मबीर भम्भेवा, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के नेता छज्जू राम ने कहा कि एक मई का दिन श्रमिकों के अनमोल योगदान, उनके संघर्षों और अधिकारों को सम्मान देने का अवसर है। जो श्रमिकों की गरिमा और सामाजिक न्याय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत 1886 के हेमार्केट मामले से हुई। जब अमेरिका में श्रमिकों ने आठ घंटे के कार्यदिवस की मांग के लिए आंदोलन किया था।
एक मई 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने पूंजीवादी शोषण के खिलाफ और काम के घंटे निर्धारित किए जाने, यूनियन बनाने के अधिकार समेत तमाम मजदूर अधिकारों के लिए ऐतिहासिक हड़ताल की थी। इस हड़ताल पर बर्बर दमन ढहाया गया था। कई दिनों तक चले संघर्ष में कई मजदूर हताहत हुए और आठ मजदूर नेताओं को तो एक साल बाद नवंबर 1887 में फांसी पर चढ़ा दिया गया था। काम के 8 घंटे का कार्यदिवस जो पूरी दुनिया मे लागू हुआ। मई दिवस मजदूरों की कुर्बानियों का इतिहास है। उन्होंने कहा कि आठ घंटे काम का अधिकार हो या यूनियन बनाने का अधिकार, अब सब धीरे-धीरे खत्म किए जा रहे हैं।
जहां मजदूर इन अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं वहां उन पर बर्बर दमन ढाया जा रहा है। मजदूर अधिकारों और श्रम कानूनों पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। 20 मई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल होने जा रही है। जिसमें हर मजदूर, किसान बढ़चढ़ कर भाग लेगा और श्रम कोडों को रद्द करवाने, न्यूनतम वेतन, समान काम, समान वेतन व पक्के रोजगार की मांग उठाई जाएगी। इस मौके पर जोगिंद्र, नीलम, रणबीर, बिट्टू, कश्मीर, पवन कुमार, राकेश ईक्कस, आजाद पांचाल, मंगत राम शास्त्री, नूतन प्रकाश आदि ने विचार व्यक्त किए।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा