सौहार्द से मनाया गया ईद-उल-ज़ुहा का पर्व

औरैया, 07 जून (हि. स.)। ईद-उल-ज़ुहा (बकरीद) का पर्व शनिवार को अमन के साथ मनाया गया। इस दौरान नगर व ग्रामीण इलाकों के हजारों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नगर की प्रमुख ईदगाह सहित तीन मस्जिदों में ईद-उल ज़ुहा की नमाज अदा की। नमाज़ से पहले लोगों को कुर्बानी को लेकर आवश्यक निर्देश भी दिए गए और उन पर अमल करने की भी अपील की गई।

नमाज़ के बाद ईदगाहों में उपस्थित लोगों ने रब के सामने अपने हाथों को उठाकर मुल्क में अमन चैन व खुशहाली की दुआएं मांगी। नमाज़ के बाद ईदगाह से वापस आकर नगर के साहिबे निसाब मुस्लिम समाज के लोगों ने अल्लाह की बारगाह में जानवरों की कुर्बानी पेश की। ईद-उल अज़हा के पर्व पर मुस्लिम भाइयों में सुबह से ही जोश खरोश देखा गया। नगर के मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों से सुबह सवेरे ही नमाज़ के लिए लोगों की भीड़ ईदगाहों की ओर पहुंचने लगी थी।

नगर की अलग-अलग इलाकों से नमाज़ियों की भीड़ ईदगाह जाती नज़र आई। नगर के बाईपास स्थित मुख्य ईदगाह में सुबह साढ़े सात बजे आस्ताना आलिया समदिया के सज्जादानशीन सैय्यद अख्तर मियां चिश्ती की सरपरस्ती में ईदगाह के पेश इमाम सैयद नवाज़ अख्तर उर्फ चिश्ती मियां ने मुस्लिम समाज के हजारों लोगों एक साथ बक़रीद की नमाज़ अदा करायी। नमाज़ से पहले सज्जादा नशीन सैयद अख़्तर मियां चिश्ती ने ईद-उल-ज़ुहा पर्व को लेकर तक़रीर भी की और साहिबे निसाब से कुर्बानी करने की अपील की और बताया कि जो साहिबे निसाब कुर्बानी न करे उसके लिए अल्लाह फरमाता है कि वह मेरी ईदगाह में न आये। उन्हाेंने कहा कि कुर्बानी बन्द जगह पर करें और उसके खून को नालियों में न बहाएँ व कानून जिस जानवर की कुर्बानी की इजाज़त देता है उसी जानवर की कुर्बानी करें।

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार

   

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