अयोध्या, 10 दिसंबर (हि.स.)।अवध नरेश के चारों बेटे विवाह रचाकर अपनी दुल्हनों संग बीती रात अयोध्या वापस आए। विद्या कुंड पर रात्रि विश्राम के बाद चारों विवाहित जोड़ों का नगर भ्रमण प्रारम्भ हुआ। देखने वालों को ऐसा प्रतीत हो रहा था, मानों त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम भाइयों समेत लौटे हैं।
अयोध्यावासियों ने पलक पांवड़े बिछाकर नव विवाहितों का अतिशय उल्लास सहित मंगल कलशों के साथ अगवानी और सत्कार किया। पीतवसना महिलाओं ने बधाई एवं मंगल गीत गाए गए। खूब आतिशबाजी की गई।गाजे-बाजे के साथ साकेत महाविद्यालय से शुरू हुआ नगर भ्रमण का पूरा रास्ता लोगों के नाचते गाते जयकारे लगाते ही कटा। फूलों की पंखुड़ियों की परत से सारा रास्ता सुवासित और शोभायमान हो उठा। श्रीराम लला मन्दिर के मुख्य द्वार पर तीर्थ क्षेत्र की ओर से ट्रस्टी अनिल मिश्र, शैलेन्द्र शुक्ल व अन्य पदाधिकारियों ने सारी व्यवस्था संभाली। जगह-जगह बहुत ही सुन्दर रंगोलियां सजाई गई थीं। इसके आगे हनुमान गढ़ी और छोटी देवकाली के सामने से लेकर वीणा चौक तक नाचते-गाते लोगों का हुजूम फूलों की बौछार से काली सड़क को रंगीन किए दे रहा था। उमंग और उत्साह में सारे अयोध्यावासियों की भीड़ घर के बाहर हर्षोल्लास में नाच गा रही थी। मानो उनका अपना भाई-बेटा सेहरा बांध कर दुल्हन घर लाया हो।विदित हो कि विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज के संयोजन में तिलकोत्सव और विवाहोत्सव का कार्यक्रम संपन्न हुआ। दसरथ की भूमिका में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने निभाई। नगर भ्रमण के अंत में कारसेवक पुरम की भरतकुटी में चारों भाइयों और उनकी पत्नियों के स्वरूपों की विधि-विधान से आरती उतारी गई।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय