भाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं, संस्कारों की संवाहिका हैः अभय कुमार

वाराणसी, 14 सितम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेशा क्षेत्र के धर्म जागरण प्रमुख अभय कुमार ने कहा कि भाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं है,यह संस्कारों की संवाहिका है। इनके जरिए उपजे हर शब्द अन्तर्निहित अर्थों के साथ पहुंचने वाले तक को आनंदित करती है। इसीलिए आवश्यक है कि हम भाषा को संस्कारों के तौर पर अपने तरुण और वयस्क साथियों के साथ जोड़ने के लिए लगातार प्रयास करें।

बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार द्वारा श्री काशीविश्वनाथ धाम के त्र्यंबकेश्वर सभागार में आयोजित भाषाई कला संगम 2024 कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि धर्म जागरण प्रमुख पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अभय कुमार ने कहा कि आज का कार्यक्रम मूलतः भाषा का है, हिन्दी भाषा का है। भारत में ही हिंदी भाषा का कार्यक्रम होना विचारणीय प्रश्न है। इसके पीछे जरूर दिक्कत है क्योंकि हम अपनों को अपनी ही भाषा के प्रयोग आदि के लिए बारम्बर बोलना पड़े तो समाधान खोजना आवश्यक हो जाता है।

अभय कुमार ने देश से जुड़ाव बना रहे, इस विषय पर कहा कि आप भारत के जिस भी भाग के रहने वाले हैं वहां की मूल भौगोलिक भाषा का अपने घर में उपयोग करते रहें, तभी देश से आपका और आपकी आने वाली पुश्तों का जुड़ाव सुनिश्चित हो सकेगा। आज के इस कार्यक्रम के तहत हम प्रण करें कि अपनी मौलिक भाषा या बोली का उपयोग हम लगातार करते रहेंगे, अन्यथा ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे और भविष्य में भी हम यूं ही लोगों को उद्वेलित करते रह जाएंगे। भाषा संस्कारों का संवहन करती रहे, इसके लिए इसका लगातार उपयोग जरूरी है।

हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

   

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