शोध के लिए बीएचयू और आईआईटी बीएचयू ने किया समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

- महत्वपूर्ण अनुसंधान उपकरण और सुविधाओं के आदान-प्रदान के लिए तीन समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर

- प्रयोगशाला और पुस्तकालय की सुविधाओं का होगा आदान-प्रदान

वाराणसी,05 सितम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) ने शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को दोनों शैक्षणिक संस्थानों ने प्रयोगशाला और पुस्तकालय सुविधाओं के आदान-प्रदान और संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए तीन समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने दोनों संस्थानों के बीच एमओयू हस्ताक्षर को पारस्परिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस बात को महसूस किया जाता है कि शैक्षणिक संस्थानों को उत्कृष्टता हासिल करने के लिए मिल कर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि अकेले काम करने से प्रगति में रुकावटें आती हैं, इसलिए शैक्षणिक संस्थानों को विकास के अवसरों का भरपूर लाभ उठाने के लिए एक दूसरे से हाथ मिलाकर आगे बढ़ना चाहिए। अनुसंधान व नवोन्मेष पर भी कुलपति ने विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी तथा शिक्षा के उद्देश्य को बताया।

उन्होंने कहा कि प्रामाणिकता व ख्याति के लिए अनुसंधान पेशेवर उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है, परंतु सामाजिक प्रभाव व परिवर्तन के लिए उसकी महत्ता पर गौर करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को शिक्षार्थियों में उद्देश्य पैदा करने के साथ साथ उन्हें प्रोत्साहित भी करना होगा, ताकि वे सही दिशा में ऊर्जा का प्रयोग करते हुए आगे बढ़ें। ये संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक संसाधन व क्षमताएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने दीर्घकाल में सफलता के लिए इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के साथ कुछ अहम टिप्स भी साझा किये, जैसे सकारात्मक सोच, ईमानदारी, टीम भावना, समय का प्रभावी प्रबंधन, तथा जीवन कौशल विकसित करना।

इस अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा कि अकेले काम करने के मुकाबले साथ मिलकर काम करने से बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि आज जिन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए हैं, वे साझा विरासत वाले इन दोनों संस्थानों के बीच प्रभावी सहयोग की बुनियाद हैं। प्रो. पात्रा ने बीएचयू तथा आईआईटी-बीएचयू के सदस्यों का आह्वान किया कि वे इस अवसर का भरपूर लाभ उठाएं तथा अपनी उन्नति के साथ साथ दोनों संस्थानों तथा देश की प्रगति की दिशा में सहयोगात्मक रूप से कार्य करें। दोनों संस्थानों ने अपने पुस्तकालय संसाधनों को साझा करने पर भी सहमति जताई है। इस समझौते से बीएचयू के संकाय और शोधकर्ताओं को आईआईटी (बीएचयू) के श्रीनिवास देशपांडे पुस्तकालय की प्रिंट और डिजिटल संसाधनों तक पहुँच मिलेगी।

इसी तरह, आईआईटी (बीएचयू) के सदस्य बीएचयू के सयाजीराव गायकवाड़ पुस्तकालय की व्यापक संसाधनों का लाभ उठा सकेंगे। यह सहयोग शिक्षण, सीखने और शोध को आगे बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तीसरे एमओयू के तहत, दोनों संस्थानों ने आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। पांच वर्षों के लिए हस्ताक्षरित एमओयू बीएचयू और आईआईटी (बीएचयू) के शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए बातचीत जारी रखेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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