बीएचयू की शुष्क कृषि परियोजना ने गांवों में जगाई नई उम्मीद

- किसानों में दिखा उत्साह, अब सूखे खेतों में भी लहलहाएगी फसल

मीरजापुर, 3 जून (हि.स.)। कृषि विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तत्वावधान में मंगलवार को ग्राम टेढ़ा, ब्लॉक पहाड़ी में एक विशेष किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में ग्राम पंडरी, गुरुखुली, टेढ़ा एवं शिवगढ़ के करीब 30 किसान जुटे और खेती के नए उपायों की जानकारी ली।

इस अवसर पर शुष्क कृषि परियोजना के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. अनुपम कुमार नेमा ने वर्षा आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों की समस्याएं सुनीं और समाधान के सुझाव भी दिए। वहीं सस्य वैज्ञानिक डॉ. सुधीर कुमार राजपूत ने शुष्क क्षेत्रों में धान की सीधी बुवाई के फायदों पर चर्चा की।

कार्यक्रम के अंत में किसानों को चरी और मूंग का बीज मुफ्त वितरित किया गया, जिससे उन्हें अगली फसल की तैयारी में मदद मिलेगी। बीज वितरण स्वयं डॉ. अनुपम कुमार नेमा द्वारा किया गया।

किसान गोष्ठी में वैज्ञानिकों की टीम के साथ-साथ स्थानीय किसानों की सक्रिय भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि वैज्ञानिक जानकारी और परंपरागत अनुभव मिलकर खेती को और उन्नत बना सकते हैं। कार्यक्रम ने ग्रामीण किसानों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार किया।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

   

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