भाजपा विधायकों ने कैग रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करने की मांग को लेकर स्पीकर कक्ष में धरना दिया

नई दिल्ली, 31 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा विधायक दल ने कैग की 14 रिपोर्ट्स को सदन पटल पर रखने के लिये विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर आज विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के समक्ष उनके कार्यालय कक्ष में धरना दिया। इस दौरान विपक्षी विधायकों ने स्पीकर को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि वे इस संबंध में सरकार को निर्देश दें कि वह कैग की सभी 14 रिपोर्ट्स को तुरंत ही सदन पटल पर पेश करे।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सरकार ने चारों तरफ से दबाव होने के बावजूद कैग की 14 रिपार्ट्स को विधानसभा के सदन पटल पर रखने के लिये जानबूझकर देरी कर रही है ताकि सरकार का कार्यकाल किसी तरह पूरा हो जाये और इन रिपोर्ट्स में छुपी आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार की कहानी जनता के सामने न आ सके। विधानसभा अध्यक्ष से भेंट करने वालों में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के साथ भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अभय वर्मा, अजय महावर, अनिल बाजपेयी और जितेंद्र महाजन शामिल थे।

गुप्ता ने कहा कि भाजपा विधायक दल ने 19 दिसम्बर को भी इस संबंध में स्पीकर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा था। आज फिर से विपक्ष ने उन्हें एक दूसरा ज्ञापन सौंपकर उनसे विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया है। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार के कामकाज में पारदर्शिता नहीं है।रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश न करना न केवल सदस्यों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि जनता के विश्वास को भी कमजोर करता है, जिन्हें यह जानने का अधिकार है कि सार्वजनिक धन का उपयोग कैसे किया गया ।

गुप्ता ने कहा कि यह विडंबना है कि विपक्षी विधायक इन कैग रिपोर्ट्स को विधानसभा में प्रस्तुत कराने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। यह मामला बार-बार विधानसभा में उठाया गया, यहां तक कि हाल ही में सितंबर और नवंबर-दिसंबर में संपन्न हुए विधानसभा सत्रों में भी उठाया गया। लेकिन सरकार की ओर से किसी सकारात्मक प्रतिक्रिया की बजाय, विपक्षी विधायकों को सदन में सत्तारूढ़ विधायकों के हाथों अपमान झेलना पड़ा, जिससे चलते हमें राष्ट्रपति, उपराज्यपाल और मुख्य सचिव जैसे संवैधानिक अधिकारियों से मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगानी पड़ी। इन अधिकारियों के बार-बार निर्देशों के बावजूद, सरकार ने विधानसभा में कैग रिपोर्ट्स प्रस्तुत नहीं की। अंततः, हमें दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ा और सरकार को इन लंबित कैग रिपोर्ट्स को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। इस मामले की सुनवाई के दौरान 24 दिसंबर को सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि सीएजी रिपोर्ट्स उसी दिन सचिव, विधानसभा को भेजी जा चुकी हैं। मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होनी है।

गुप्ता ने कहा है कि इन रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करने में इतनी देरी से सरकार की नीयत पर सवाल उठते हैं और ये तथ्य पुख्ता होते हैं कि सरकार ने कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी की है जिसके चलते सरकार इन रिपोर्ट्स को प्रस्तुत करने से बार बार भाग रही है। ह

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

   

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