पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा : भाजपा विधायक निलंबित, दो अन्य को बाहर निकाला गया

कोलकाता, 10 मार्च (हि. स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को जोरदार हंगामा हुआ, जब विपक्षी भाजपा विधायकों ने अपने एक साथी विधायक का माइक्रोफोन बंद किए जाने का विरोध किया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने भाजपा विधायक दीपक बर्मन को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया और दो अन्य विधायकों को सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने पक्षपातपूर्ण रवैया बताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

विवाद की शुरुआत तब हुई जब भाजपा विधायक हीरन चटर्जी ने बजट पर चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग (डब्ल्यूबीपीएससी) के कामकाज पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद 2011 से अब तक आयोग के पास एक भी सार्वजनिक शिकायत क्यों नहीं आई। चटर्जी ने यह भी दावा किया कि आयोग के पास शिकायतों को निपटाने का वैधानिक अधिकार नहीं है और मुख्यमंत्री को भेजे गए मुख्य सचिव के हालिया नोट का हवाला दिया।

जब उन्होंने अपनी बात जारी रखी, तो विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें याद दिलाया कि उनके बयान बजट बहस से जुड़े नहीं हैं और उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन जब चटर्जी ने बोलना जारी रखा, तो अध्यक्ष ने उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया। इससे भाजपा विधायकों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने इसे विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश करार दिया।

इसके बाद भाजपा विधायकों शंकर घोष और मनोज उरांव ने नारेबाजी शुरू कर दी। अध्यक्ष की बार-बार चेतावनी के बावजूद विरोध जारी रहने पर मार्शलों को बुलाकर दोनों विधायकों को सदन से बाहर कर दिया गया। इसी बीच भाजपा विधायकों ने सदन में कागज फाड़कर फेंके, जिसके बाद अध्यक्ष ने विधायक दीपक बर्मन को पूरे सत्र के लिए निलंबित करने की घोषणा कर दी।

घटना के बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मार्शल्स को सत्तारूढ़ पार्टी के प्रभाव में कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया गया।

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के विधायकों ने अध्यक्ष के फैसले का बचाव किया और भाजपा पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया। तृणमूल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं, जैसे कन्याश्री और बजट आवंटन पर सवाल तो उठाती है, लेकिन जब जवाब देने की बारी आती है तो सदन छोड़कर चली जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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