मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए जमीन को लेकर आआपा का केंद्र पर हमला

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (हि.स.)। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए राजघाट परिसर में जगह न देने पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला है। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि यह खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगम बोध घाट पर किया गया। इसके पहले भारत के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था।

उन्होंने कहा कि सिख समाज से आने वाले, पूरी दुनिया में ख्याति प्राप्त, 10 वर्ष भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और समाधि के लिए भाजपा की केंद्र सरकार 1000 गज़ जमीन भी न दे सकी।

सांसद संजय सिंह ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए राजघाट परिसर में जगह न देकर पूरे सिख समुदाय का अपमान किया है।

उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा अफसोस की बात है कि ऐसे मुद्दे पर भी हम लोगों को बात करनी पड़ रही है। यह दिखाता है कि सरकार की सोच कितनी छोटी और ओछी है।

उन्होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह सिख समाज से आने वाले एकमात्र प्रधानमंत्री हैं। इससे पंजाब में रहने वाले लोग और पूरी दुनिया में रह रहे सिख समाज के लोग अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे होंगे। इस देश के 144 करोड़ लोग जो हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था रखते हैं, जो डॉ. मनमोहन सिंह के किए गए कार्यों की सराहना करते हैं, उनसे उन्हें भी तकलीफ हुई होगी। आज पूरी दुनिया में यही छपेगा कि भारत में एक ऐसी सरकार है जो अपने पूर्व प्रधानमंत्री के लिए राजघाट के परिसर में जगह देने के लिए तैयार नहीं है। आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं कि देश के दस साल तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह को, जिसे पूरी दुनिया एक विद्वान मानती है। उनकी आर्थिक नीतियां दुनियाभर के विश्वविद्यालयों में पढ़ी और पढ़ाई जाती हैं। जिन्होंने देश को आर्थिक मंदी से बचाया। उदारीकरण में देश को आगे ले गए। एक सिख समुदाय से आने वाले प्रधानमंत्री का दिल्ली के निगम बोध घाट में अंतिम संस्कार हुआ। निगम बोध घाट डॉ. मनमोहन सिंह के लिए? क्या हमारी देश की राजनीति इतनी निम्न हो गई कि केंद्र सरकार देश के एक विद्वान प्रधानमंत्री के लिए दिल्ली में एक हजार गज जमीन भी नहीं दे पा रही है? यह शर्मसार करने वाली बात है। इन मामलों के अंदर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी

   

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