बीएलएसकेएस ने दुर्गा भवन में तीन दिवसीय बैसाखी उत्सव का आयोजन किया

जम्मू, 11 अप्रैल (हि.स.)। बैसाखी महोत्सव 2025 का जश्न मनाने और जम्मू-कश्मीर की पारंपरिक लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भारतीय लोक संगीत कला संस्थान (बीएलएसकेएस) ने संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और संगम ट्रू आर्ट प्रोडक्शन के सहयोग से ओपन एयर थिएटर दुर्गा भवन जानीपुर जम्मू में कार्यशाला सह सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया जो 486वां शुक्रवार श्रृंखला संगीतमय नाटक रंगीला दुग्गर है।

महोत्सव के दौरान भक्तिमय सह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन किया जायेगा। समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि वी.के.मगोत्रा पूर्व क्षेत्रीय निदेशक क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय भारत सरकार जे.के.रैना फ्रीलांसर निर्माता निदेशक और स्वास्थ्य विभाग जम्मू-कश्मीर सरकार से डॉ. अंजू डोगरा मुकेश सिंह मीडिया पर्सन जम्मू द्वारा पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत आयो सब मिल के बैसाखी तयोर मान्ये कनक मांडी दा तांगा चालिया जम्मू सदा डोगरे दा शार गीत से हुई।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने कहा कि सुख-समृद्धि का कृषि पर्व बैसाखी हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। इसे वैसाखी के नाम से भी जाना जाता है और यह सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बैसाखी सिख नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है और खालसा पमथ के गठन की याद दिलाती है जिसमें बीएलएसकेएस के लक्ष्य और उद्देश्यों को विस्तार से बताया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य जेकेजूटी की पारंपरिक लोक संस्कृति यानी पहाड़ी, गोजरी, डोगरी, भद्रवाही, कश्मीरी आदि को बढ़ावा देना है, जिसके लिए कलाकारों ने अपना पूरा जीवन दे दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता

   

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