बीएमएस ने ऑपरेशन सिंदूर के चलते सभी आन्दोलन को स्थगित करने का लिया निर्णय

नई दिल्ली, 10 मई (हि.स.)। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) की केंद्रीय कार्य समिति ने शनिवार को सभी आंदोलनों को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया। यह निर्णय 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत लिया गया है।

बीएमएस ने कहा है कि सभी धरना, प्रदर्शन और आंदोलन को अगली सूचना तक स्थगित कर दिया गया है।उन्होंने केंद्रीय कार्य समिति के सभी कर्मचारियों से आग्रह किया है कि जब तक बहुत जरूरी न हो, वे छुट्टी न लें। छुट्टी की स्थिति में कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे इसे रद्द कर दें और तुरंत अपनी ड्यूटी पर लौट आएं।

बीएमएस के अध्यक्ष हिरणमय पंड्या ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के इस दौर में बीएमएस की कार्य समिति बैठक में भारत सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों के साथ मजबूती से खड़े होने का संकल्प लिया गया। बीएमएस ने पाकिस्तान की टालमटोल वाली रणनीति की कड़ी निंदा की। समिति की बैठक में आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर रहा है।

हिरणमय पंड्या ने केकेएस की बैठक में सीमा पार आतंकवाद से बिना किसी समझौते के निपटने के लिए निर्णायक निर्णय लेने और अडिग राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि तीनों नेताओं के सामूहिक प्रयासों और दूरदर्शिता ने राष्ट्रीय गौरव प्राप्त किया है और आम जनता में विश्वास और भरोसा पैदा किया है।

उत्तरी क्षेत्रीय संगठन सचिव पवन कुमार ने 13 राज्य महासचिवों और महासंघ महासचिवों को अपने सभी संबद्ध संघों, महासंघों और राज्य इकाइयों को निर्देश दिया कि वे सभी प्रकार की हड़तालों, आन्दोलनों, प्रदर्शनों और अन्य प्रकार की ट्रेड यूनियन कार्रवाइयों को स्थगित करें।उन्होंने कहा कि 1962, 1965 और 1971 के युद्धों और कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने ऐसा ही रुख अपनाया और अपनी अटूट राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। हमें एक बार फिर विदेशी आक्रमण के खिलाफ एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होना चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

   

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