आजादी के बाद देश की व्यवस्था चलाने के लिए बना संविधान: आदित्य शंकर बाजपेई

कानपुर, 26 जनवरी (हि.स.)। चन्द्रशेखर आजाद एवं सरदार भगत सिंह जैसे देशभक्तों के बलिदान के बाद राजनेताओं के सहयोग से हमारे देश को 15 अगस्त 1़947 को आजादी मिली। अब देशवासियों की जिम्मेदारी देश की व्यवस्था को चलाने की थी। जिसके लिये एक संविधान की आवश्यकता थी। यह बातें रविवार को बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इण्टर कॉलेज में गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि प्रख्यात अधिवक्ता एवं विद्यालय प्रबंधक आदित्य शंकर बाजपेयी ने कही।

बेनाझाबर स्थित बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इण्टर कॉलेज में रविवार को बडे़ ही हर्षोल्लास के साथ 76वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने ध्वजारोहण कर देश के प्रति अपनी जान न्योछावर करने वाले क्रांतिकारियों को याद किया। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण के इस दुरूह कार्य के लिए एक सभा का गठन किया गया। संविधान निर्मात्री सभा व इस सभा के सभापति डॉ. अम्बेडकर के अथक प्रयासों के बाद 26 नवम्बर, 1949 को हमारा संविधान बनकर तैयार हुआ इसलिए 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। काफी अधिक विचार विमर्श के बाद 26 जनवरी, 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ। अब हमारा देश एक समाजवादी, सम्प्रभुतासम्पन्न, लोकतांत्रिक गणतंत्र बन गया। इस दिवस को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे संविधान में हर व्यक्ति को मौलिक अधिकार प्रदान किये गये हैं। मौलिक कर्तव्यों का भी उल्लेख है। उनका पालन करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। जब सभी मौलिक कर्तव्यों का पालन करेंगे तभी हमारा देश विकसित देश बन सकेगा।

विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि शरद कृष्ण पाण्डेय, वेणु रंजन भदौरिया, परमानन्द शुक्ला, विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजमोहन कुमार सिंह, उपप्रधानाचार्या मंजूबाला श्रीवास्तव, समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र छात्रायें एवं उनके अभिभावक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

   

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