बच्चों के पोषण के लिए बाल विकास केंद्र योजना का शुभारंभ

मुंबई, 18 मार्च (हि.स.)। शहरी क्षेत्रों के कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए सुपोषित मुंबई अभियान और नागरी बाल विकास केंद्र योजना की शुरूआत की गई है। ये केंद्र गर्भावस्था से लेकर पहले 1,000 दिनों तक बच्चों को उचित पोषण सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होंगे। यह जानकारी महिला व बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने दी।

मंत्री अदिति ने मंगलवार को दक्षिण मुंबई के कोलाबा में सुपोषित मुंबई अभियान और नागरी बाल विकास केंद्र योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने माता और शिशु के उचित पोषण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि साल 2018 से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में स्थित आंगनवाड़ी केंद्रों में ग्राम बाल विकास केंद्र योजना लागू की गई है। इसका उद्देश्य कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाना है। इस योजना का बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और इससे उन्हें सही उम्र में पोषण आहार प्राप्त करने में मदद मिली है। इसी तर्ज पर, अब मुंबई और उपनगरों में कुपोषण की दर को कम करने के लिए सुपोषित मुंबई अभियान और नागरी बाल विकास केंद्र योजना लागू की जा रही है।

मंत्री अदिति ने कहा कि गर्भावस्था से लेकर पहले 1,000 दिन (जन्म से दो साल तक) बच्चे के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इस अवधि में माता और शिशु को उचित पोषण मिलना आवश्यक है। नागरी बाल विकास केंद्रों के माध्यम से बच्चों में कुपोषण के साथ-साथ मोटापे की समस्या को दूर करने के लिए भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। शहरी आबादी के अनुपात में आंगनवाड़ियों की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि सुपोषित मुंबई अभियान और नागरी बाल विकास केंद्र योजना के लाभ से कोई भी शहरी बच्चा वंचित न रहे। इस अवसर पर एकीकृत बाल विकास सेवा के आयुक्त कैलास पगारे सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

   

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